पटना: सूबे में कुपोषित बच्चों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. जिले का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने में लगा है. अस्पताल पोषण पुनर्वनास केन्द्र में कुपोषित बच्चों की देखभाल के लिए जुटा हुआ है. साथ ही मांओं को आहार का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. ताकि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रह सके.
संचालक ने दी जानकारी
पीएमसीएच के पोषण पुर्नवास केन्द्र में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए अस्पताल का शिशु विभाग लगातार काम कर रहा है. पोषण विभाग की संचालक सुषमा रानी ने बताया कि बिहार में जितने भी कुपोषित बच्चे हैं. उनका इलाज चल रहा है. यह इलाज मुफ्त में किया जा रहा है. यहां सभी दवाईयां फ्री में उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही बच्चों की मां को भी खाने-पीने का प्रशिक्षण दिया जाता है. जिससे बच्चों के सेहत में कोई कमी नहीं आ सके.
सेंटर फॉर एक्सीलेंस की मदद से हो रहा इलाज
पीएमसीएच के शिशु विभाग के डॉ एके जायसवाल के अनुसार बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए अस्पताल में 2 साल पहले सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना की थी. प्रत्येक जिले में पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना भी की गई है. प्रशिक्षित डॉक्टर, नर्स एवं सलाहकार की मदद से काम चल रहा है. पीएमसीएच के पुनर्वास केंद्र में फिलहाल 10 बच्चों को रखकर उसे 10 से 20 दिन तक अस्पताल में भर्ती किया जाता है और उनका इलाज किया जाता है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले बच्चों की समुचित जांच के बाद अगर डॉक्टर पाते हैं कि वह कुपोषण के कारण विभिन्न बीमारियों का शिकार है तो उसे केंद्र में भर्ती कर दिया जाता है. भर्ती करने के बाद पोषक आहार मुहैया कराया जाता है. बच्चों को पूरी तरह से ठीक होने के बाद उसे घर वापस भेजा जाता है.
मां को भी दिया गया प्रशिक्षण
डॉ जायसवाल ने बताया कि बच्चों के इलाज करने के साथ-साथ उनकी माताओं की पोषक आहार के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है. उन्हें बताया जाता है कि घर की सामग्री से बच्चे को पोषक आहार मुहैया कैसे कराए. खासकर मौसमी फल एवं हरी सब्जी में काफी मात्रा में आयरन मिलता है. इसके अलावा दूध में काफी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. इन सभी बातों की जानकारी उन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में दी जाती है.
400 से अधिक बच्चे स्वस्थय
आपको बता दें कि पीएमसीएच में स्थापित पोषण पुनर्वास केंद्र पिछले 2 सालों में 400 से अधिक कुपोषित बच्चों को स्वस्थ कर रहा है. यहां राज्य के कोने-कोने से आए कुपोषित बच्चों का इलाज किया जा रहा है. ऐसे बच्चों की मां को प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गई है. केंद्र का संचालन अस्पताल के शिशु विभाग के देखरेख में किया जाता है.