पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के फैलते प्रकोप को देखते हुए पटना नगर निगम अपने कर्मियों के लिए 50-50 बेड के दो आइसोलेशन वार्ड का निर्माण करवा रही है. इन दोनों वार्डों में एक-एक डॉक्टर और अन्य मेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी. ये वार्ड कंकड़बाग और श्रीकृष्णपुरी इलाके में बनाए जाएंगे.
निगम की मानें तो इन केंद्र पर केवल निगम के कर्मियों को ही भर्ती किया जाएगा. इन दोनों केंद्रों पर चिकित्सीय संबंधी व्यवस्थाएं पटना नगर निगम के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी अनुप शर्मा की देखरेख में होगी. इसके अलावे यहां पर भर्ती होने वाले मरीजों को रहने के अलावे खाने-पीने की सुविधाएं भी मुफ्त में मुहैया करायी जाएगी.
इन इलाके में बनाए जाएंगे आइसोलेशन सेंटर
बता दें कि पहला अइसोलेशन सेंटर कंकड़बाग अंचल अंतर्गत मलाही पकड़ी स्थित रैन बसेरा में बनाया जा रहा है. जबकि दूसरा नूतन राजधानी अंचल अंतर्गत श्रीकृष्णपुरी पार्क के पीछे स्थिति सामुदायिक भवन को आइसोलेशन सेंटर की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. इन दोनों केंद्रों पर चिकित्सीय संबंधी व्यवस्थाएं पटना नगर निगम के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी अनुप शर्मा की देखरेख में किया जाएगा. इन केन्द्रों पर भर्ती होने वाले निगम कर्मियों के रहने और खाने-पीने व्यवस्थाएं के लिए संबंधित अंचल के कार्यपालक अधिकारी तैनात रहेंगे.
केंद्र पर तैनात रहेगा एक ऐंबुलेंस
मिल रही जानकारी के अनुसार संक्रमित कर्मियों को उनके घर से केंद्र तक लाने के लिए मुख्यालय स्तर पर दो वाहनों की व्यवस्था भी की जारी है. संक्रमण से बचने के लिए कर्मियों को संयुक्त राष्ट्र संघ जनसंख्या कोष के विशेषज्ञ और पटना नगर निगम के वरीय अधिकारी ट्रेनिंग भी दे रहे हैं. सभी अंचल कार्यालय में निगम कर्मियों को आवश्यक सुरक्षा साधन जैसे पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराई जा रही है. निगम कर्मी रंजीत कुमार ने बताया कि पटना में नगर निगम के कर्मियों के लिए दो आइसोलेशन केंद्र का निर्माण अंतिम चरण पर है. इन केंद्रों पप अभी 15-15 बेड लगाए भी जा चुके हैं. मरीजों की संख्या बढ़ने पर बेड की संख्या भी बढ़ाई जाएगी.
बिहार में तेजी से फैल रहा संक्रमण
गौरतलब है कि बिहार में कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ रही है. गुरूवार तक संक्रमित मरीजों की संख्या 30 हजार के पार हो चुकी थी. जबकि 200 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. बात अगर पूरे देश की करें तो यहां संक्रमण का आंकड़ा 12 लाख से भी अधिक हो चुका है. वहीं 29 हजार से अधिक लोग काल के गाल में समा चुके हैं.