पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार प्रधानमंत्री की केवल 12 रैली होने वाली है. लेकिन इन 12 रैलियों के माध्यम से सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के लोगों कोरैली से जोड़ने की तैयारी है. इसकी शुरुआत सासाराम, गया और भागलपुर से हो गई है.
बिहार विधानसभा का चुनाव कोरोना महामारी के समय हो रहा है और ऐसे में इस बार रैलियां 2015 विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम हो रही है. लेकिन सभी पार्टियों के दिग्गज चुनाव प्रचार में जरूर जुट गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली सासाराम से शुरू हुई और गया और भागलपुर में भी आयोजित की गई. प्रत्येक रैली के माध्यम से 20 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को एलईडी स्क्रीन के माध्यम से जोड़ा गया.
क्या कहते हैं जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन
जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि प्रधानमंत्री की सभा सोच समझ कर तैयार की गई और एनडीए नेताओं ने उन्हीं स्थानों को चुना जहां से प्रधानमंत्री आसानी से बिहार के अधिक से अधिक लोगों से कनेक्ट हो सके. उन्होंने कहा कि सासाराम, गया और भागलपुर की रैली से 40% से अधिक विधानसभा क्षेत्रों को कनेक्ट किया गया. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से पूरे बिहार में प्रधानमंत्री की सभा को लोगों ने देखा भी है.
राजनीतिक विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है कि सामाजिक समीकरणों और क्षेत्रीय आधार पर सभा स्थल का चयन पार्टी करती रही है. प्रधानमंत्री अच्छे वक्ता के साथ ही क्षेत्रीय भाषा में भी बोलने में माहिर हैं और उसका भी असर होता है.
विपक्ष के प्रभाव वाले क्षेत्रों पर भी नजर...
28 अक्टूबर को बिहार में पहले फेज का चुनाव है और उस दिन भी प्रधानमंत्री की रैली होगी. उसके बाद 1 नवंबर को रैली होगी और फिर 3 नवंबर को जब दूसरे फेज का चुनाव होगा. उस दिन भी रैली होगी. हर दिन तीन-तीन रैलियां होगी. अधिकांश रैलियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी रहेंगे और इन रैलियों को विभिन्न माध्यमों से लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी.
एनडीए में शामिल दलों की यह पूरी कोशिश है कि प्रधानमंत्री की सभा सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में लोगों को दिखाई जाए और इसी के लिए प्रमुख शहरों को चुना गया है. इसके साथ ही विपक्षी दलों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में भी रैली हो. इसका प्रयास बीजेपी और जदयू की ओर से की गई है, जिससे एनडीए को लाभ मिल सके.
बिहार के इस जिलों में पीएम की रैली
- 28 अक्टूबर को दरभंगा मुजफ्फरपुर और पटना
- 1 नवंबर को छपरा, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर
- 3 नवंबर को पश्चिमी चंपारण, सहरसा और अररिया