पटना: गोवा में आयोजित हुए 37 वां नेशनल गेम्स में पदक लाने वाले बिहार के खिलाड़ियों को बिहार राज्य खेल प्राधिकरण की ओर से सम्मान समारोह आयोजित कर सम्मानित किया गया. बता दें कि नेशनल गेम्स में बिहार ने कुल आठ पदक हासिल किए हैं, जिसमें तीन रजत पदक और पांच कांस्य पदक शामिल है. गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाने के कारण मेडल तालिका में बिहार तीसरे स्थान पर रहा अन्यथा मेडल की संख्या के हिसाब से बिहार 22वें स्थान पर है.
खिलाड़ियों को किया गया सम्मानित: कार्यक्रम में बिहार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र राय और बिहार ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल बारी सिद्दीकी ने खिलाड़ियों को शाबाशी देते हुए उन्हें सम्मानित किया. इस मौके पर मंत्री जितेंद्र राय ने कहा की नई खेल नीति के तहत बिहार में मेडल लाओ नौकरी पाओ स्कीम चल रहा है उसके तहत अगले 3 महीने में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी से नवाजा जाएगा.
"मेडल जीतकर खिलाड़ियों ने बिहार का नाम ऊंचा किया है. सरकार खिलाड़ियों को बिहार में खेल के लिए बेहतर माहौल तैयार करने में लगी हुई है और इसका नतीजा भी देखने को मिल रहा है कि जहां पिछले वर्ष खिलाड़ियों ने नेशनल में बिहार ने मात्र दो पदक हासिल किया था वहीं इस वर्ष आठ पदक हासिल किए हैं."- जितेंद्र राय, मंत्री, बिहार सरकार
प्रखंड स्तर पर तैयार हो रहे खेल मैदान: राज्य में प्रखंड स्तर पर खेल मैदान तैयार किया जा रहा है. अब तक उन्होंने 70 खेल मैदान की प्रखंड स्तर पर स्वीकृति दे दी है, जिसका प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है. इसके अलावा विभिन्न खेलों के एक्सीलेंस सेंटर प्रदेश में अलग-अलग जगह पर तैयार किए जा रहे हैं. निश्चित ही इससे खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा.
"खेल में खिलाड़ी आगे बढ़ रहे हैं और प्रदेश का नाम ऊंचा कर रहे हैं, यह गौरव की बात है. खेल सिर्फ अब मनोरंजन और शारीरिक फिटनेस तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें एक बड़ा करियर भी है. खेल को लेकर प्रदेश में बेहतर माहौल तैयार किया जा रहा है और सरकार भी इसके लिए लगी हुई है. तमाम खेलों के फेडरेशन भी खेल को आगे ले जाने के लिए कार्य में जुटे हुए हैं."- अब्दुल बारी सिद्दीकी, अध्यक्ष, बिहार ओलंपिक एसोसिएशन
उत्तराखंड में होने वाले नेशनल गेम्स को लेकर तैयारी: अगले साल उत्तराखंड में जो नेशनल गेम्स होने वाला है उसको लेकर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण अभी से ही तैयारी शुरू करने जा रहा है ताकि खिलाड़ियों को तैयारी का पूरा समय मिले. बताया गया कि अगले वर्ष बिहार में मेडल की संख्या और बढ़े इसको लेकर कोई कमी नहीं की जाएगी. प्रयास है कि खिलाड़ी अगले साल गोल्ड मेडल भी जीत कर आएं.
"यह काफी खुशी की बात है कि जहां पिछले नेशनल गेम्स में गुजरात में बिहार ने सिर्फ दो कांस्य पदक हासिल किया था. इस बार तीन रजत पदक और पांच कांस्य पदक हैं, कुल आठ पदक है. लेकिन अगले साल उत्तराखंड में होने वाले नेशनल गेम्स को लेकर तैयारी शुरू हो गई है ताकि मेडल की संख्या और बढ़े."- रविंद्रन संकरण, डीजी, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण
बिहार का पहला एस्ट्रो टर्फ मैदान: रविंद्रन संकरण ने बताया कि बिहार में खेल को आगे बढ़ाने के लिए सरकार काफी कुछ कार्य कर रही है. हॉकी के लिए प्रदेश में कोई एस्ट्रो टर्फ मैदान नहीं है, ऐसे में बिहार का पहला एस्ट्रो टर्फ मैदान फिजिकल कॉलेज के मैदान में तैयार किया जा रहा है. इसको लेकर नगर विकास विभाग की ओर से 12 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी मिल गई है. इसके अलावा ऊर्जा स्टेडियम के पास खाली मैदान में इनडोर स्पोर्ट्स कंपलेक्स 42 करोड़ में तैयार किया जा रहा है.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का विशेष फोकस: पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कांप्लेक्स के पास स्थित रेनबो मैदान में 230 करोड़ रुपए का स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रोजेक्ट तैयार हो रहा है. मोइनुल हक स्टेडियम को डिमोलिश करके वहां एक स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजना है. यहां एक पांच सितारा होटल होगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट मैदान भी होगा. स्पोर्ट्स सिटी के प्रोजेक्ट पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का विशेष फोकस है. सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में बिहार में भी आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट हो.
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