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कालिदास रंगालय में हुआ नाटक 'आनंदमठ' का मंचन, बंगाल की त्रासदी को किया गया चित्रित - Drama organized in Kalidas Rangalaya

हिंदू धर्म को लेकर मुस्लिम अत्याचार और ब्रिटिश राज के प्रति सन्यासियों की सहानुभूति भी इस नाटक में दिखा. हमारे स्वतंत्रता संग्राम के समय इस आंदोलन को बहुत महत्व मिला था. इसकी जीवंत प्रस्तुति माध्यम फाउंडेशन के कलाकारों ने मंच पर कर बंगाल के इस त्रासदी को चित्रित किया गया.

Kalidas Rangalaya
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Published : Dec 17, 2020, 12:31 AM IST

पटना: राजधानी के कालिदास रंगालय में संगीत नाटक एकेडमी नई दिल्ली के सौजन्य से माध्यम फाउंडेशन के कलाकारों की ओर से नाटक 'आनंदमठ' का मंचन किया गया. बंकिम चट्टोपाध्याय के लोकप्रिय उपन्यास को धर्मेश मेहता ने नाटक रूपांतरित और निर्देशित किया.

नाटक 'आनंदमठ' का मंचन,
नाटक 'आनंदमठ' का मंचन

नाटक में टर्न 1770 ईस्वी से 1774 ईस्वी तक के बंगाल का चित्र इसमें खींचा गया. बंगाल के अकाल त्रासदी में एक तिहाई लोग मारे गए थे. सन 1971 ईस्वी में इसके लिए कर वसूली हुई, जिसके फलस्वरूप जन-जन सन्यासी के रूप में विद्रोही बन गया. आनंदमठ में राष्ट्रविप्लव का वहीं चित्र मिलता है.

देखें नाटक

'बंगाल के त्रासदी को किया गया चित्रित'
हिंदू धर्म को लेकर मुस्लिम अत्याचार और ब्रिटिश राज के प्रति सन्यासियों की सहानुभूति भी इस नाटक में दिखा. हमारे स्वतंत्रता संग्राम के समय इस आंदोलन को बहुत महत्व मिला था. इसकी जीवंत प्रस्तुति माध्यम फाउंडेशन के कलाकारों ने मंच पर कर बंगाल के इस त्रासदी को चित्रित किया गया.

पटना: राजधानी के कालिदास रंगालय में संगीत नाटक एकेडमी नई दिल्ली के सौजन्य से माध्यम फाउंडेशन के कलाकारों की ओर से नाटक 'आनंदमठ' का मंचन किया गया. बंकिम चट्टोपाध्याय के लोकप्रिय उपन्यास को धर्मेश मेहता ने नाटक रूपांतरित और निर्देशित किया.

नाटक 'आनंदमठ' का मंचन,
नाटक 'आनंदमठ' का मंचन

नाटक में टर्न 1770 ईस्वी से 1774 ईस्वी तक के बंगाल का चित्र इसमें खींचा गया. बंगाल के अकाल त्रासदी में एक तिहाई लोग मारे गए थे. सन 1971 ईस्वी में इसके लिए कर वसूली हुई, जिसके फलस्वरूप जन-जन सन्यासी के रूप में विद्रोही बन गया. आनंदमठ में राष्ट्रविप्लव का वहीं चित्र मिलता है.

देखें नाटक

'बंगाल के त्रासदी को किया गया चित्रित'
हिंदू धर्म को लेकर मुस्लिम अत्याचार और ब्रिटिश राज के प्रति सन्यासियों की सहानुभूति भी इस नाटक में दिखा. हमारे स्वतंत्रता संग्राम के समय इस आंदोलन को बहुत महत्व मिला था. इसकी जीवंत प्रस्तुति माध्यम फाउंडेशन के कलाकारों ने मंच पर कर बंगाल के इस त्रासदी को चित्रित किया गया.

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