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लालू के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को हो सकती है सुनवाई, जेल मैनुअल का उल्लंघन करने का आरोप

चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ जेल मैनुअल का उल्लंघन करने के आरोप में झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है. इसमें रिम्स के निदेशक के आवास में नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है.

पटना
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Published : Sep 10, 2020, 9:38 PM IST

रांची/पटना: चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर चुनावी दरबार लगाने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है.

लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगले में रखना गलत
लालू प्रसाद के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. इसमें कहा गया कि लालू प्रसाद यादव जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और तुरंत जेल शिफ्ट किया जाना चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगले में रखना गलत है. याचिकाकर्ता मनीष कुमार के वकील मनोज टंडन ने अपनी याचिका में कहा कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के कई मामलों में सजा हो चुकी है. उन्हें स्वास्थ्य कारणों से जेल से सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में शिफ्ट किया गया था. लेकिन हाल के दिनों में वह जेल मैनुअल के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्हें कॉटेज में रखा जा सकता है. निदेशक के बंगले में किसी कैदी को नहीं रखा जा सकता.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गृह सचिव, केंद्रीय गृह सचिव को प्रतिवादी बनाया
याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका के जरिए कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल के नेता के नाते हर दिन सैकड़ों लोगों से मिल रहे हैं. यह कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. याचिका में पूर्व अपर महाधिवक्ता और झारखंड हाई कोर्ट के वकील मनोज टंडन ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक, झारखंड के गृह सचिव के अलावा केंद्रीय गृह सचिव को प्रतिवादी बनाया है.

स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती
90 के दशक में जब चारा घोटाला के मामले में लालू प्रसाद को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, तो उन्हें बीएमपी गेस्ट हाउस में रखा गया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्काल आदेश (SLP CRL 2296/1998 Order Dated 27.11.1998) पारित किया और लालू प्रसाद यादव को बेऊर जेल शिफ्ट करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लालू प्रसाद यादव को बेऊर जेल भेज दिया गया था. मनीष कुमार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला अपनी याचिका में दिया है. कोर्ट को बताया गया कि लालू प्रसाद यादव को स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती कराया गया था.

कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात का आरोप
कोरोना महामारी का खतरा बढ़ने लगा, तो उन्हें रिम्स के डायरेक्टर के बंगले ‘केली बंगला’ में शिफ्ट कर दिया गया. लालू प्रसाद को बंगले में शिफ्ट किए जाने के बाद से मीडिया में आए दिन खबरें आती रहती हैं कि लालू यादव ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की. यह जेल मैनुअल का उल्लंघन है. कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

रांची/पटना: चारा घोटाला के कई मामलों में सजायाफ्ता और राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर चुनावी दरबार लगाने का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इस पर शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है.

लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगले में रखना गलत
लालू प्रसाद के खिलाफ एक जनहित याचिका दाखिल हुई है. इसमें कहा गया कि लालू प्रसाद यादव जेल मैनुअल का उल्लंघन कर रहे हैं और तुरंत जेल शिफ्ट किया जाना चाहिए. याचिका में यह भी कहा गया है कि लालू प्रसाद को डायरेक्टर के बंगले में रखना गलत है. याचिकाकर्ता मनीष कुमार के वकील मनोज टंडन ने अपनी याचिका में कहा कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के कई मामलों में सजा हो चुकी है. उन्हें स्वास्थ्य कारणों से जेल से सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स) में शिफ्ट किया गया था. लेकिन हाल के दिनों में वह जेल मैनुअल के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्हें कॉटेज में रखा जा सकता है. निदेशक के बंगले में किसी कैदी को नहीं रखा जा सकता.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

गृह सचिव, केंद्रीय गृह सचिव को प्रतिवादी बनाया
याचिकाकर्ता के वकील ने जनहित याचिका के जरिए कोर्ट को बताया कि लालू प्रसाद यादव राष्ट्रीय जनता दल के नेता के नाते हर दिन सैकड़ों लोगों से मिल रहे हैं. यह कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. याचिका में पूर्व अपर महाधिवक्ता और झारखंड हाई कोर्ट के वकील मनोज टंडन ने कहा है कि उन्होंने इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक, झारखंड के गृह सचिव के अलावा केंद्रीय गृह सचिव को प्रतिवादी बनाया है.

स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती
90 के दशक में जब चारा घोटाला के मामले में लालू प्रसाद को न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, तो उन्हें बीएमपी गेस्ट हाउस में रखा गया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्काल आदेश (SLP CRL 2296/1998 Order Dated 27.11.1998) पारित किया और लालू प्रसाद यादव को बेऊर जेल शिफ्ट करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लालू प्रसाद यादव को बेऊर जेल भेज दिया गया था. मनीष कुमार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला अपनी याचिका में दिया है. कोर्ट को बताया गया कि लालू प्रसाद यादव को स्वास्थ्य कारणों से रिम्स में भर्ती कराया गया था.

कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात का आरोप
कोरोना महामारी का खतरा बढ़ने लगा, तो उन्हें रिम्स के डायरेक्टर के बंगले ‘केली बंगला’ में शिफ्ट कर दिया गया. लालू प्रसाद को बंगले में शिफ्ट किए जाने के बाद से मीडिया में आए दिन खबरें आती रहती हैं कि लालू यादव ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात की. यह जेल मैनुअल का उल्लंघन है. कोर्ट को इसका संज्ञान लेना चाहिए.

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