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Physical teachers protest : '8000 रुपये मासिक वेतन पर कैसे कटेगी जिंदगी'.. JDU ऑफिस के बाहर मांगा राज्यकर्मी का दर्जा

सैकड़ों की तादाद में शारीरिक शिक्षकों ने गुरुवार को पटना स्थित जेडीयू कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इन्होंने सरकार के समक्ष राज्यकर्मी का दर्जा देने और समान काम समान वेतन की मांग रखी. पढ़ें पूरी खबर..

शारीरिक शिक्षकों का पटना में विरोध प्रदर्शन
शारीरिक शिक्षकों का पटना में विरोध प्रदर्शन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 28, 2023, 7:57 PM IST

जेडीयू कार्यालय के बाहर शारीरिक शिक्षकों का प्रदर्शन

पटना : बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक गुरुवार को पटना पहुंचकर जेडीयू कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन और नारेजबाजी की. सैकड़ों शारीरिक शिक्षक हाथों में तख्ती लिए अपनी मांगों के समर्थन में पार्टी कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए बैठ गए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें इतना कम वेतन दिया जाता है कि परिवार वालों के सामने तक जाने में या किसी को बताने में शर्म आती है.

ये भी पढ़ें : Patna News: मानदेय बढ़ाने और राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग को लेकर राजद कार्यालय पहुंचे शारीरिक शिक्षक

8000 रुपया मासिक वेतन पर कर रहे काम : 2022 में बहाल हुए शारीरिक शिक्षक व स्वास्थ्य अनुदेशकों को सिर्फ 8000 रुपया मासिक वेतन मिलता है. नियोजित शिक्षकों की तरह अब ये लोग भी राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग सरकार से करने लगे हैं. प्रदर्शन कर रहे एक शारीरिक शिक्षक ने बताया कि यहां सिर्फ बिहार के ही नहीं, बल्कि भारत के दूसरे प्रदेशों के शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक भी काम कर रहे हैं. ऐसे में इतने कम वेतन में लोगों का कैसे काम चल रहा होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

जेडीयू कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते शारीरिक शिक्षक
जेडीयू कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते शारीरिक शिक्षक

"कई साल के बाद वैकेंसी आई थी. इसके बाद भी हम लोगों का वेतन ₹8000 महीना तय किया गया. इसे बढ़ाने को लेकर तथा राज्य कर्मी का दर्जा देने सहित समान काम समान वेतन की मांग को लेकर हमलोग यहां जेडीयू कार्यालय के बाहर जमा हुए हैं. हमलोगों को इतने कम वेतन के कारण अपने बीवी-बच्चों तक के सामने चेहरा दिखाने में शर्म आती है. हम लोग काफी परेशान हैं और 8000 वेतन में कुछ भी नहीं हो पाता है. घर और समाज में लोग ताने भी मारते हैं. हम लोगों की स्थिति न घर की न घाट की वाली हो गई है."- शारीरिक शिक्षक

हाथो में तख्ती लिए शारीरिक शिक्षक
हाथो में तख्ती लिए शारीरिक शिक्षक

राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग : प्रदर्शन कर रहे शारीरिक शिक्षकों और स्वास्थ्य अनुदेशकों का कहना था कि हमलोगों ने बीपीएड किया. फिर जाकर एसटीईटी क्वालिफाई किया. इसके बावजूद हमलोगों को इतना कम वेतन दिया जा रहा है. इसलिए हमलोगों की मुख्य मांग यह है कि पहले तो हमें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए और समान काम समान वेतन हम पर भी लागू हो. विरोध-प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर कोतवाली थाना की पुलिस पहुंची और किसी तरह प्रदर्शनकारियों को शांत कराया.

जेडीयू कार्यालय के बाहर शारीरिक शिक्षकों का प्रदर्शन

पटना : बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक गुरुवार को पटना पहुंचकर जेडीयू कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन और नारेजबाजी की. सैकड़ों शारीरिक शिक्षक हाथों में तख्ती लिए अपनी मांगों के समर्थन में पार्टी कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए बैठ गए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें इतना कम वेतन दिया जाता है कि परिवार वालों के सामने तक जाने में या किसी को बताने में शर्म आती है.

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8000 रुपया मासिक वेतन पर कर रहे काम : 2022 में बहाल हुए शारीरिक शिक्षक व स्वास्थ्य अनुदेशकों को सिर्फ 8000 रुपया मासिक वेतन मिलता है. नियोजित शिक्षकों की तरह अब ये लोग भी राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग सरकार से करने लगे हैं. प्रदर्शन कर रहे एक शारीरिक शिक्षक ने बताया कि यहां सिर्फ बिहार के ही नहीं, बल्कि भारत के दूसरे प्रदेशों के शारीरिक शिक्षक और स्वास्थ्य अनुदेशक भी काम कर रहे हैं. ऐसे में इतने कम वेतन में लोगों का कैसे काम चल रहा होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.

जेडीयू कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते शारीरिक शिक्षक
जेडीयू कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते शारीरिक शिक्षक

"कई साल के बाद वैकेंसी आई थी. इसके बाद भी हम लोगों का वेतन ₹8000 महीना तय किया गया. इसे बढ़ाने को लेकर तथा राज्य कर्मी का दर्जा देने सहित समान काम समान वेतन की मांग को लेकर हमलोग यहां जेडीयू कार्यालय के बाहर जमा हुए हैं. हमलोगों को इतने कम वेतन के कारण अपने बीवी-बच्चों तक के सामने चेहरा दिखाने में शर्म आती है. हम लोग काफी परेशान हैं और 8000 वेतन में कुछ भी नहीं हो पाता है. घर और समाज में लोग ताने भी मारते हैं. हम लोगों की स्थिति न घर की न घाट की वाली हो गई है."- शारीरिक शिक्षक

हाथो में तख्ती लिए शारीरिक शिक्षक
हाथो में तख्ती लिए शारीरिक शिक्षक

राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग : प्रदर्शन कर रहे शारीरिक शिक्षकों और स्वास्थ्य अनुदेशकों का कहना था कि हमलोगों ने बीपीएड किया. फिर जाकर एसटीईटी क्वालिफाई किया. इसके बावजूद हमलोगों को इतना कम वेतन दिया जा रहा है. इसलिए हमलोगों की मुख्य मांग यह है कि पहले तो हमें राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए और समान काम समान वेतन हम पर भी लागू हो. विरोध-प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर कोतवाली थाना की पुलिस पहुंची और किसी तरह प्रदर्शनकारियों को शांत कराया.

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