पटना : एनआईए (National Investigation Agency) ने बिहार में 'गैरकानूनी व राष्ट्रविरोधी' गतिविधियों से जुड़े एक मामले में प्रतिबंधित समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के चार सदस्यों के खिलाफ शनिवार को आरोपपत्र दाखिल किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों अतहर परवेज, मोहम्मद जलालुद्दीन खान, नूरुद्दीन जंगी उर्फ 'एडवोकेट नूरुद्दीन' और अरमान मलिक उर्फ 'इम्तियाज अनवर' के खिलाफ यहां एक विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
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फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल केस में चार्जशीट: इन पर भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. प्रवक्ता ने कहा कि मामला शुरू में पिछले साल 12 जुलाई को फुलवारीशरीफ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था और 10 दिन बाद एनआईए ने फिर से मामला दर्ज किया था.
गजवा-ए-हिन्द के लिए रच रहे थे साजिश: अधिकारी ने कहा, 'मामला पीएफआई से जुड़े आरोपियों/संदिग्ध व्यक्तियों की गैरकानूनी व देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता से जुड़ा है, जो पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में इकट्ठा हुए थे.' एनआईए ने कहा कि जांच के दौरान परवेज, खान, जंगी और मलिक को उनकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था. प्रवक्ता ने कहा, “आरोपियों ने धन एकत्र किया, सदस्यों की भर्ती की, प्रशिक्षण आयोजित किया और अपने सदस्यों को भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया.'
राष्ट्र विरोधी गतिविधि के लिए इकट्ठा हुए थे आरोपी: प्रवक्ता ने कहा, “जांच में पता चला है कि आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने के इरादे से आपराधिक साजिश रची गई थी, जिससे आतंक का माहौल बना और देश की एकता व अखंडता को खतरा पैदा हुआ.” अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने अपनी साजिश को आगे बढ़ाने के लिए अहमद पैलेस, फुलवारीशरीफ (पटना) में किराए पर मकान लिया और हिंसक कृत्यों के लिए प्रशिक्षण देने और आपराधिक साजिश को अंजाम देने के लिये मकान के परिसर में बैठकें कीं.
22 अगस्त 2022 से NIA कर रही जांच: गौरतलब है कि इन चारों अभियुक्तों के खिलाफ 12 जुलाई 2022 को फुलवारीशरीफ पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था. जिसके बाद उसी महीने 22 अगस्त 2022 को NIA ने इनके खिलाफ केस दर्ज जांच शुरू कर दी थी. जांच के दौरान आरोपी अतहर परवेज, मो. जलालुद्दीन खान, नूरूद्दीन जंगी ऊर्फ एडवोकेट नूरूद्दीन और अरमान मलिक ऊर्फ इम्मतियाज अनवर को इस मामले में उनकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था.