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बोले पीएचडी मंत्री- सर्वेक्षण के बाद खराब और बंद चापाकलों को कराया जाएगा ठीक

बिहार में खराब और बंद चापाकलों का सर्वेक्षण करवाया जा रहा है. पीएचडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

handpumps Survey in bihar
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Published : Jan 13, 2021, 12:24 PM IST

पटना: बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि प्रदेश में खराब और बंद पड़े चापाकलों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. जिसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. विभाग के अधिकारी सभी जिलों से डाटा मांग रहे हैं. सभी जिलों से डाटा आने के बाद बंद चापाकलों को ठीक कराया जाएगा. क्योंकि गर्मी की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गयी है. विभाग अपने काम को लेकर आगे से ही रणनीति बना कर काम करती है.

पेयजल की गंभीर समस्या
विभाग के अधिकारी, डीएम से लेकर प्रखंड स्तर पर बीडीओ सर्वेक्षण करेंगे. जिसकी सूची प्रखंडवार रहेगी जिससे काम कराने में सहूलियत होगी. रिपोर्ट आने के बाद चापाकलों को गर्मी से पहले विभाग ठीक करवाएगा. गर्मी के समय आते ही ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर लेवल डाउन होने लगता है. नदी और पोखर के पानी का जलस्तर कम होने के साथ पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न होने लगती है.

PHD minister Rampreet Paswan
सूची तैयार करवा रही विभाग

पानी की अधिक आवश्यकता
ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल पर कतार लग जाती है. अप्रैल माह से ही गर्मी का तापमान बढ़ जाता है और जल स्तर नीचे खिसकने लगता है. जिससे लोगों को पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है. साल 2020 में बारिश और बाढ़ के कारण जलस्तर बढ़ा है. लेकिन गर्मी के मौसम शुरू होते ही पानी की खपत दोगनी हो जाती है. क्योंकि गर्मी के मौसम में मनुष्य के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी पानी की अधिक आवश्यकता होती है. दो बूंद पानी के लिए मवेशियों को भटकते देखा जाता है. पानी की समस्या विकराल हो जाती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सूची तैयार करवा रही विभाग
इस संकट से उबरने के लिए पीएचडी विभाग पहले से ही चापाकल की मरम्मत कराएगी. साथ ही जहां चापाकल की आवश्यकता होगी, वहां नया चापाकल भी लगाए जाएंगे. जो गर्मी से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा. ताकि गर्मी के मौसम में किसी जिले में पानी संकट से लोगों को ना जूझना पड़े. इसके लिए सभी खराब चापाकलों की सूची विभाग तैयार करवा रही है. पिछले वर्ष भी इस तरह के सर्वेक्षण से चापाकल को ठीक करने में काफी मदद मिली थी.

"जल संचय के लिए लोगों को भी जागरूक होना बहुत जरूरी है. जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में हर जिलों में जल चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिससे आने वाले गर्मी के दिनों में भी जल संचय की ओर ध्यान देकर ही लोग पानी का उपयोग करें"- रामप्रीत पासवान, पीएचडी मंत्री, बिहार सरकार

ये भी पढ़ें: दुनियाभर के प्रवासी बिहारियों से ऑनलाइन संवाद करेंगे CM नीतीश

अधिकारी बरतते हैं लापरवाही
पीएचडी विभाग अंतर्गत लगभग आठ लाख सरकारी चापाकल है. जिसकी देखरेख पीएचडी विभाग कर रही है. विभागीय स्तर पर तैयारी तो की जाती है. लेकिन विभाग के अधिकारी ही काम में लापरवाही बरतते हैं और हर साल लोगों को जल के लिए त्राहिमाम करना पड़ता है.

पटना: बिहार सरकार के पीएचडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि प्रदेश में खराब और बंद पड़े चापाकलों का सर्वेक्षण कराया जा रहा है. जिसकी तैयारी शुरू कर दी गयी है. विभाग के अधिकारी सभी जिलों से डाटा मांग रहे हैं. सभी जिलों से डाटा आने के बाद बंद चापाकलों को ठीक कराया जाएगा. क्योंकि गर्मी की तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गयी है. विभाग अपने काम को लेकर आगे से ही रणनीति बना कर काम करती है.

पेयजल की गंभीर समस्या
विभाग के अधिकारी, डीएम से लेकर प्रखंड स्तर पर बीडीओ सर्वेक्षण करेंगे. जिसकी सूची प्रखंडवार रहेगी जिससे काम कराने में सहूलियत होगी. रिपोर्ट आने के बाद चापाकलों को गर्मी से पहले विभाग ठीक करवाएगा. गर्मी के समय आते ही ग्रामीण क्षेत्रों में वाटर लेवल डाउन होने लगता है. नदी और पोखर के पानी का जलस्तर कम होने के साथ पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न होने लगती है.

PHD minister Rampreet Paswan
सूची तैयार करवा रही विभाग

पानी की अधिक आवश्यकता
ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल पर कतार लग जाती है. अप्रैल माह से ही गर्मी का तापमान बढ़ जाता है और जल स्तर नीचे खिसकने लगता है. जिससे लोगों को पेयजल की समस्या उत्पन्न होती है. साल 2020 में बारिश और बाढ़ के कारण जलस्तर बढ़ा है. लेकिन गर्मी के मौसम शुरू होते ही पानी की खपत दोगनी हो जाती है. क्योंकि गर्मी के मौसम में मनुष्य के साथ-साथ पशु पक्षियों को भी पानी की अधिक आवश्यकता होती है. दो बूंद पानी के लिए मवेशियों को भटकते देखा जाता है. पानी की समस्या विकराल हो जाती है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सूची तैयार करवा रही विभाग
इस संकट से उबरने के लिए पीएचडी विभाग पहले से ही चापाकल की मरम्मत कराएगी. साथ ही जहां चापाकल की आवश्यकता होगी, वहां नया चापाकल भी लगाए जाएंगे. जो गर्मी से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा. ताकि गर्मी के मौसम में किसी जिले में पानी संकट से लोगों को ना जूझना पड़े. इसके लिए सभी खराब चापाकलों की सूची विभाग तैयार करवा रही है. पिछले वर्ष भी इस तरह के सर्वेक्षण से चापाकल को ठीक करने में काफी मदद मिली थी.

"जल संचय के लिए लोगों को भी जागरूक होना बहुत जरूरी है. जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में हर जिलों में जल चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जिससे आने वाले गर्मी के दिनों में भी जल संचय की ओर ध्यान देकर ही लोग पानी का उपयोग करें"- रामप्रीत पासवान, पीएचडी मंत्री, बिहार सरकार

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अधिकारी बरतते हैं लापरवाही
पीएचडी विभाग अंतर्गत लगभग आठ लाख सरकारी चापाकल है. जिसकी देखरेख पीएचडी विभाग कर रही है. विभागीय स्तर पर तैयारी तो की जाती है. लेकिन विभाग के अधिकारी ही काम में लापरवाही बरतते हैं और हर साल लोगों को जल के लिए त्राहिमाम करना पड़ता है.

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