पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) मीना बाजार कार्यालय में अजीमाबाद और पटनासिटी दोनों की शाखा है. लेकिन उनके कार्यालय से महज पचास फुट की दूरी पर नियमों को ताक पर रखकर ट्रैक्टर से मिट्टी भरी जा रही है. इसके धूल से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती है. पूरे दिन मिट्टी के गुबार उड़ते रहते हैं. इससे वार्ड 56 और 57 की जनता परेशान है. राहगीर सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं.
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धूल के गुब्बार से लोग परेशान: इस मार्ग पर रहने वाले लोगों का धूल के कारण सांस लेना भी दूभर हो गया है. दिल के मरीजों की संख्या भी इसके कारण बढ़ती जा रही है. धूल के कारण लोगों के भोजन से लेकर पानी तक पर मुसीबत बना हुआ है. इस रास्ते से प्रतिदिन पटना नगर निगम के मेयर, निगम के अधिकारी एवम सैकड़ों यात्री गुजरते हैं. लेकिन अब तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
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निजी एजेंसी कर रही काम: दरअसल निगम ने मिट्टी भरने का काम निजी एजेंसी को दे दिया है. जल्ला रोड मलिया महादेव का है जहां जल्ला का सबसे बड़े भूखंड पर मिट्टी भड़ाई का काम जारी है. लेकिन इस पर क्या बनना है,किस एजेंसी के जिम्मे यह काम हो रहा है यह किसी को पता नहीं है. क्योंकि इस भूखंड पर कोई बोर्ड नहीं लगा है. काफी दिनों से इस इलाके के लोग मिट्टी की धूल से परेशान हैं.
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नगर निगम से लोगों की गुहार: सड़क पर मिट्टी का ढेर पड़ा है. न तो इन मिट्टी के ढेरों को उठाया जा रहा है और न ही सड़क पर पसरी मिट्टी पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, जिससे लोगों को परेशानी महसूस हो रही है. लोगों का कहना है कि इससे हम सभी बीमार हो रहे हैं. धूल से लोगों का जीना दूभर हो गया है. लोगों ने निगम से इस ओर ध्यान देने की मांग की है.
बीमार हो रहे लोग : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, धूल के ये कण दमा, अस्थमा और एलर्जी जैसी कई बीमारियों का कारण बन रहे हैं. ये उन लोगों के लिए और खतरनाक हैं, जो पहले से ही इन बीमारियों से पीड़ित हैं. उनके लिए ये जानलेवा साबित हो सकते हैं. सिलिका युक्त धूल में लगातार सांस लेने से फेफड़ों में होने वाली बीमारी को सिलिकोसिस कहा जाता है. इसमें मरीज के फेफड़े खराब हो जाते हैं. पीड़ित व्यक्ति का सांस फूलने लगता है.
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