पटना: पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक में बने 108 बेड के कोविड-19 वार्ड से बुधवार को 6 कोरोना पेशेंट ठीक होकर डिस्चार्ज हुए. अस्पताल से डिस्चार्ज होते वक्त मरीजों के चेहरे पर खुशी साफ तौर पर देखने को मिली. पीएमसीएच की व्यवस्था पर सभी संतुष्ट नजर आए.
मरीजों को डिस्चार्ज करने वाले पीएमसीएच के सुपरिटेंडेंट डॉ. विमल कारक, प्रिंसिपल डॉक्टर विद्यापति चौधरी, डॉ. राणा एनके सिंह, इमरजेंसी के प्रभारी डॉ. अभिजीत कोविड-19 वार्ड के प्रभारी डॉ. अजय अरुण मौजूद रहे. सभी ने अस्पताल में की गई व्यवस्थाओं का मरीजों से फीडबैक लिया.
कोरोना से ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद मरीज ने बताया कि पीएमसीएच की व्यवस्था काफी अच्छी है. जो भी नर्सिंग स्टाफ हैं उनका भी व्यवहार सही रहा है. थोड़ा और अच्छा व्यवहार करें तो लोगों को और ज्यादा आराम होगा. उन्होंने कहा कि वह अस्पताल में लगभग 18 दिन रहे हैं और ठीक हो कर लौट रहे हैं.
मरीजों ने जताया आभार
अस्पताल से डिस्चार्ज होते वक्त अन्य ने बताया कि वह अस्पताल में 6 दिन रही. यहां उनका काफी अच्छा इलाज हुआ. जिसकी वजह से वह काफी कम समय में ठीक होकर घर लौट रही हैं. मरीज के परिजनों ने बताया कि पीएमसीएच का उनका अनुभव बहुत बढ़िया रहा है. उन्होंने बताया कि जब उनके पिता कोरोना संक्रमित हुए तब शहर के 15-20 प्राइवेट अस्पतालों में फोन किया गया. लेकिन कहीं भी बेड खाली नहीं मिला. इसके बाद वह अंत में हारकर पीएमसीएच में पहुंचे. इसके साथ ही यहां के सफाई कर्मियों का भी व्यवहार काफी बढ़िया रहा और उनसे भी काफी सहयोग मिला है.
प्राचार्य ने किया धन्यवाद
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि अस्पताल के सभी चिकित्सक अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मी मरीजों की सेवा में दिन-रात जुटे हुए हैं. यह मकसद है कि बिहार के किसी भी कोने से आने वाले मरीजों को यहां से निराश होकर लौटना पड़े. मरीजों को इतनी अच्छी सुविधा दी जाए ताकि जब वह वापस अपने घर लौटे तो गांव में पीएमसीएच की व्यवस्था का जिक्र करें. उन्होंने कहा कि वह लोगों से कहना चाहेंगे कि कोरोना को हमें मिलकर हराना है इसलिए बीमारी से डरे नहीं बल्कि लड़े और ठीक होने का हौसला रखें. उन्होंने कहा कि वह ठीक होकर निकल रहे सभी मरीजों से अपील करते हैं कि सभी घर लौटने के बाद चेहरे पर मास्क का प्रयोग करें और जितना संभव हो सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करें.