पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) बुधवार को अचानक पटना की सड़कों पर निकल पड़े. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के बोरिंग केनाल रोड, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग सहित कई इलाकों का जायजा लेने के बाद सीएम हाउस (CM House) वापस लौट आए. दरअसल मुख्यमंत्री शहर में यह देखने निकले थे कि कोरोना गाइडलाइन (Corona Guideline) का लोग कितना पालन कर रहे हैं. कहीं ना कहीं तीसरे लहर की आशंका के बाद जिस तरह से लोग बेपरवाह हुए हैं, इसकी बानगी सड़कों पर साफ तौर पर देखी जा रही है.
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कोरोना प्रोटोकॉल का किस तरह से पालन किया जा रहा है, जब इसका जायजा ईटीवी भारत की टीम ने लिया तो नतीजे चौंकाने वाले थे. अगर हम पटना की सड़कों पर चलने वाले आम लोगों की बात करें तो पटना के सड़कों पर चलने वाले 70 फीसदी आबादी बिना मास्क के ही नजर आई. वहीं परिवहन विभाग द्वारा चलाए जा रहे सरकारी बसों के ड्राइवर भी बिना मास्क के ही निकले थे.
जब ईटीवी भारत की टीम ने उन्हें मास्क ना लगाने की वजह पूछी, तो ईटीवी भारत के कैमरे को देख मौके पर मौजूद बस ड्राइवर ने मास्क लगाना शुरू कर दिया. इस दौरान सरकारी बस पर बैठे कई सवारी भी बिना मास्क के ही सड़क पर निकले. मौके पर मौजूद बस ड्राइवर और कंडक्टर ने भी पैसेंजर को मास्क पहनने को नहीं कहा.
पटना में चलने वाले निजी ऑटो के 90 फीसदी ऑटो ड्राइवर बिना मास्क के ही थे. पटना के कारगिल चौक पर ईटीवी भारत की टीम ने मोहम्मद फारुख नाम के ऑटो ड्राइवर से उसके मास्क ना पहनने की वजह पूछी और उन्हें जागरूक किया तो मोहम्मद फारुख खान ने अपनी गलती स्वीकार की. ईटीवी भारत की पहल की सराहना करते हुए आगे से मास्क पहनकर ही ऑटो चलाने की बात कही.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के विभिन्न स्थलों का दौरा करने निकले थे. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहन कर सड़कों पर निकलने वाले लोगों का जायजा लेने वे बुधवार को अचानक सीएम हाउस से निकले थे. गौरतलब हो कि इससे पहले 28 अप्रैल और 3 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक पटना की सड़कों पर निकल पड़े थे.
लॉकडाउन के हालात का रियलिटी चेक भी उन्होंने किया था. रियलिटी चेक करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से बिहार की जनता को प्रोटोकॉल पालन करने का संदेश भी जारी किया था. बावजूद इसके लोग तीसरी लहर की आशंका से पूरी तरह बेपरवाह दिख रहे हैं. ऐसे में सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के लिए यह विषय कहीं ना कहीं चिंता का सबब बना हुआ है.
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