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होली को लेकर पटना के खेतान मार्केट में उमड़ी खरीदारों की भीड़, लेकिन इस वजह से दुकानदारों में मायूसी

कोरोना काल के बाद पहली बार पटना में होली का त्यौहार (Holi festival in Patna) लोग बिना किसी डर और पाबंदी के मनाएंगे. इस बार कोरोना को लकेर कोई रुकावट नहीं है, जिसकी वजह से लोग काफी उत्साहित होकर मार्केटिंग कर रहे हैं. हालांकि दुकानदारों में इस बात को लेकर मायूसी है कि महंगाई के कारण बिक्री बहुत कम हो रही है. पढ़ें पूरी खबर..

कपड़ों के बाजार में रौनक
पटना में कपड़ों के बाजार में रौनक
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Published : Mar 11, 2022, 7:56 PM IST

पटनाः होली को लेकर राजधानी पटना के बाजार गुलजार हो गए हैं. लोग त्यौहार के लिए कपड़ों की खरीदारी (People Gathering In Garments Market Regarding Holi) में जुट गए हैं. इस बार रंगों के त्यौहार होली में कपड़ों का बाजार कैसा है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने खेतान मार्केट पटना (Khetan Market Patna) के मंगला बाजार का जायजा लिया. जहां कोरोना के बाद पाबंदियों के बगैर खुलकर खरीदारी कर रहे लोगों में काफी उत्साह दिखा.

ये भी पढ़ेंः इस बार होली छोड़ निकल पड़े रुपए कमाने, ताकि अगले साल उत्साह के साथ मनाएं पर्व

त्यौहार को लेकर उल्लासः होली को लेकर इस बार लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. भले ही महंगाई हो, लेकिन उसका कोई खास असर त्यौहार के उल्लास पर फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है. बाजारों में भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन दुकानदार उतने खुश नहीं है. ऐसा नहीं है कि लोग महंगाई के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. महंगाई की बात हर जगह हो रही है. इसका एहसास तब हो रहा है, जब कपड़ों का दाम ग्राहक पूछ रहे हैं.

बाजारों में सिर्फ भीड़ः दरअसल होली को लेकर दुकानदार नए-नए डिजाइन के कपड़े का स्टॉक कर चुके हैं. सलवार सूट, साड़ी, कुर्ता पजामा बच्चों के परिधान के नए-नए डिजाइन बाजार में उपलब्ध हैं. लेकिन ग्राहक मोल भाव ज्यादा कर रहे हैं. जिस कारण से दुकानदारी कम चल रही है. दुकानदार से बात करने के बाद यह पता चला कि लोगों के पास पैसे नहीं हैं, पैसे की कमी है. जिस कारण से बाजारों में सिर्फ भीड़ बनी हुई है, लेकिन खरीदारी बहुत कम लोग कर रहे हैं.

'कोविड-19 के बाद पूरी तरीके से पाबंदी हटा दी गई है. बाजारों में रौनक है. लेकिन जितनी बिक्री की उम्मीद दुकानदार इस होली में लगाए हुए थे, वह अभी तक नहीं दिख रही है. लोगों के पास पैसे की कमी है. जिस कारण से बाजारों में सिर्फ भीड़ बनी हुई है'- दुकानदार

ये भी पढ़ेंः बिहार BJP दफ्तर में कार्यकर्ताओं ने एक साथ मनाई होली और दिवाली, गुलाल लगाए.. फोड़े पटाखे

इस बार रंगो के त्यौहार होली में दोगुनी खुशी है, क्योंकि संक्रमण खत्म हो गया है. पाबंदी हटा दी गई है. ऐसे में बाजार में पूरी तरह से चहल पहल दिख रही है. रंगों के त्यौहार में सभी लोग अपने बच्चों के लिए कपड़े की खरीदारी करते हैं, हम भी बच्चों के लिए कपड़ा खरीदने पहुंचे हुए हैं- नीतू सिंह, ग्राहक

ये भी पढ़ेंः ऐसी होती थी लालू यादव की 'कुर्ता फाड़' होली, विदेशों तक छाया था गंवई अंदाज

दुकानदारों को बिक्री की उम्मीदः कुल मिलाकर देखा जाए तो बाजार में रौनक लौटी है और रंगो के त्यौहार होली में यह परंपरा है कि लोग नए कपड़े पहन कर के अबीर गुलाल खेलने निकलते हैं और एक दूसरे से मिलते हैं. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि कपड़ों की बाजार कोविड-19 के बाद बेहतर होगा. हालांकि अभी होली में 1 सप्ताह बाकी है. ऐसे में दुकानदारों को अभी उम्मीद है की दुकानदारी अच्छी होगी. फिलहाल बाजारों में ग्राहक पहुंच तो रहे हैं. लेकिन बहुत कम ग्राहक ही खरीदारी कर पा रहे हैं.

आपको बता दें कि कुछ साल पहले तक होली त्यौहार के समय पटना के कपड़ा बाजार में लगभग 20 करोड़ का कारोबार होता था. लेकिन हाल फिलहाल कि अगर बात करें तो लगभग 10 करोड़ तक भी व्यपारी कारोबार नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह है मंहगाई और कोरोना काल के बाद ज्यादतर लोगों की बदहाल आर्थिक स्थिति. इसकी वजह से हर क्षेत्र में डिमांड काफी कम होती दिख रही है.

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पटनाः होली को लेकर राजधानी पटना के बाजार गुलजार हो गए हैं. लोग त्यौहार के लिए कपड़ों की खरीदारी (People Gathering In Garments Market Regarding Holi) में जुट गए हैं. इस बार रंगों के त्यौहार होली में कपड़ों का बाजार कैसा है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने खेतान मार्केट पटना (Khetan Market Patna) के मंगला बाजार का जायजा लिया. जहां कोरोना के बाद पाबंदियों के बगैर खुलकर खरीदारी कर रहे लोगों में काफी उत्साह दिखा.

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त्यौहार को लेकर उल्लासः होली को लेकर इस बार लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं. भले ही महंगाई हो, लेकिन उसका कोई खास असर त्यौहार के उल्लास पर फिलहाल दिखाई नहीं दे रहा है. बाजारों में भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन दुकानदार उतने खुश नहीं है. ऐसा नहीं है कि लोग महंगाई के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. महंगाई की बात हर जगह हो रही है. इसका एहसास तब हो रहा है, जब कपड़ों का दाम ग्राहक पूछ रहे हैं.

बाजारों में सिर्फ भीड़ः दरअसल होली को लेकर दुकानदार नए-नए डिजाइन के कपड़े का स्टॉक कर चुके हैं. सलवार सूट, साड़ी, कुर्ता पजामा बच्चों के परिधान के नए-नए डिजाइन बाजार में उपलब्ध हैं. लेकिन ग्राहक मोल भाव ज्यादा कर रहे हैं. जिस कारण से दुकानदारी कम चल रही है. दुकानदार से बात करने के बाद यह पता चला कि लोगों के पास पैसे नहीं हैं, पैसे की कमी है. जिस कारण से बाजारों में सिर्फ भीड़ बनी हुई है, लेकिन खरीदारी बहुत कम लोग कर रहे हैं.

'कोविड-19 के बाद पूरी तरीके से पाबंदी हटा दी गई है. बाजारों में रौनक है. लेकिन जितनी बिक्री की उम्मीद दुकानदार इस होली में लगाए हुए थे, वह अभी तक नहीं दिख रही है. लोगों के पास पैसे की कमी है. जिस कारण से बाजारों में सिर्फ भीड़ बनी हुई है'- दुकानदार

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इस बार रंगो के त्यौहार होली में दोगुनी खुशी है, क्योंकि संक्रमण खत्म हो गया है. पाबंदी हटा दी गई है. ऐसे में बाजार में पूरी तरह से चहल पहल दिख रही है. रंगों के त्यौहार में सभी लोग अपने बच्चों के लिए कपड़े की खरीदारी करते हैं, हम भी बच्चों के लिए कपड़ा खरीदने पहुंचे हुए हैं- नीतू सिंह, ग्राहक

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दुकानदारों को बिक्री की उम्मीदः कुल मिलाकर देखा जाए तो बाजार में रौनक लौटी है और रंगो के त्यौहार होली में यह परंपरा है कि लोग नए कपड़े पहन कर के अबीर गुलाल खेलने निकलते हैं और एक दूसरे से मिलते हैं. ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि कपड़ों की बाजार कोविड-19 के बाद बेहतर होगा. हालांकि अभी होली में 1 सप्ताह बाकी है. ऐसे में दुकानदारों को अभी उम्मीद है की दुकानदारी अच्छी होगी. फिलहाल बाजारों में ग्राहक पहुंच तो रहे हैं. लेकिन बहुत कम ग्राहक ही खरीदारी कर पा रहे हैं.

आपको बता दें कि कुछ साल पहले तक होली त्यौहार के समय पटना के कपड़ा बाजार में लगभग 20 करोड़ का कारोबार होता था. लेकिन हाल फिलहाल कि अगर बात करें तो लगभग 10 करोड़ तक भी व्यपारी कारोबार नहीं कर पा रहे हैं, जिसकी वजह है मंहगाई और कोरोना काल के बाद ज्यादतर लोगों की बदहाल आर्थिक स्थिति. इसकी वजह से हर क्षेत्र में डिमांड काफी कम होती दिख रही है.

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