पटना: बिहार में कोरोना महामारी के बीच आई बाढ़ जैसी विपदा में लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिसे देख कर एक बार आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे. कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है, राजधानी पटना के बिंद टोली गांव की, जहां पिछले 15 दिनों से 205 घरों के लोग बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं.
'सरकार को लोगों की समस्या नहीं आती नजर'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में उड़न खटोला से लगातार दौरा कर रहे हैं और आवश्यक दिशा निर्देश इससे संबंधित विभाग के अधिकारियों को दे रहे हैं. वहीं पटना में बाढ़ को लेकर सीएम संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करते नजर आते हैं. लेकिन उनके पटना सदर क्षेत्र में तैनात विभागीय अधिकारी को गंगा किनारे बसे पटना के बिंद टोली गांव में रहने वाले लोगों की समस्या नजर नहीं आती है.
वहीं, पटना सदर के सर्किल ऑफिसर ने बताया कि सरकारी स्तर पर यहां 3 नाव के वैकल्पिक इंतजाम किए जा चुके हैं. लेकिन उनके दावे को क्षेत्र की जनता ने खारिज कर दिया. स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि यहां सरकारी की तरफ से कोई भी नाव की व्यवस्था नहीं की गई है.
'सरकार नहीं कर रही मदद'
स्थानीय महिला ने बताया कि वो बाढ़ के पानी के कहर से डरी हुई है, घर में राशन नहीं हैं. बिना खाए की कई दिन सोना पड़ रहा है. वहीं दूसरी महिला ने बताया कि कुछ वर्षों पहले हम सभी को सरकार की ओर से दीघा से यहां पुनर्वास तो आनन-फानन में कर दिया गया था. लेकिन मानसून के समय पास के गंगा और बारिश से काफी संकट से गुजरना पड़ता हैं. वहीं, स्थानीय रोहित ने बताया कि हम लोगों को आवाजाही के लिए पानी में होकर ही शहर जाना पड़ता है. लेकिन सरकारी स्तर से हमें कोई नाव मुहैया नहीं कराया गया है.