पटनाः कोरोना संक्रमण के बीच कई जगह लोग बाढ़ की समस्या (Flood In Bihar) भी झेल रहे हैं. प्रकृति की दोहरी मार के कारण लाखों लोग प्रभावित हैं, वहीं हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं. पटना के गंगा घाटों पर भी लोग डेरा डाले हैं. इस बीच लोगों को भोजन उपलब्ध कराने को लेकर सामुदायिक रसोई की शुरुआत की गई है.
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बता दें कि सूबे में बाढ़ के हालात पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर बनाए हुए हैं. वे लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं. सीएम ने बाढ़ पीड़ितों को असुविधा न हो, इसके लिए उन्होंने सामुदायिक किचन शुरू करने का निर्देश दिया था.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पटना जिलाधिकारी ने तत्काल सारे अनुमंडल पदाधिकारी और अंचलाधिकारियों को हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में और उन इलाकों से पलायन करके आए लोगों के लिए समुचित व्यवस्था की जाए जिससे कि उन्हें कोई परेशानी नहीं हो. वहीं, उन्होंने आवश्यक रूप से बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.
"सरकार ने खाने-पीने की व्यवस्था तो कर दी है, लेकिन महिलाओं और बच्चों के लिए शौचालय की समस्या गंभीर है. अगर शौचालय की व्यवस्था हो जाती तो हमे काफी सहूलियत मिलती. पानी की समस्या भी गंभीर है. इसके चलते भी हमें काफी दिक्कतें होती हैं."- बाढ़ पीड़ित
"हम यहां 50 से अधिक लोगों को खाना खिला चुके हैं. तीन सौ से अधिक लोगों के खाने की व्यवस्था है. अनुमान है कि यहां रहने के लिए अभी और सैकड़ों बाढ़ पीड़ित आएंगे. अधिकारियों के द्वारा तमाम व्यवस्था की गई है. हम उन्हें खाना बनाकर खिला रहे हैं."- सामुदायिक किचन, संचालक
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बता दें कि गंगा पिछले कई दिनों से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गंगा तट के कई जिलों के लाखों लोग इसकी जद में हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर चुके हैं. वे खुद बाढ़ के हालात पर नजर बनाए हुए हैं.