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पटना में जीना मुहाल कर रहा बाढ़ का पानी, लोग जिएं तो कैसे जिएं? खाना... कपड़ा... सबकुछ बह गया - बिहार में बाढ़ से प्रभावित जिलों की संख्या

पटना में बाढ़ का भयावह मंजर देखने को मिल रहा है. नकटा दियारा पंचायत के वार्ड 13 और 14 में बाढ़ का पानी घुस जाने से 4,000 लोग प्रभावित हो चुके हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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Published : Aug 17, 2021, 7:54 AM IST

Updated : Aug 17, 2021, 11:07 AM IST

पटना: बिहार की राजधनी पटना में गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बाढ़ का पानी घरों के अंदर भर जाने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. अधिकतर घरों में 7 फीट से अधिक पानी भरा हुआ है. जिसके चलते सभी लोग पास के एक बांध पर खाना बदोश जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें: पटना जिले में बाढ़ से भीषण तबाही, आशियाना छोड़ हजारों लोग पलायन को मजबूर

सदर के नकटा दियारा पंचायत (Nakta Diyara Panchayat) के वार्ड नंबर-13 और 14 में रहने वाले लगभग 4,000 लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. यहां पिछले 15 दिनों से बाढ़ का पानी लोगों को परेशान किया हुआ है. हालात ये हो गए हैं कि घरों में 7 फीट से अधिक पानी घुसा हुआ है. हालांकि प्रशासन के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को दो समय का खाना मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन सभी लोग एक तरह का खाना खाते-खाते थक चुके हैं.

देखें रिपोर्ट.

ये भी पढ़ें: पटना में उफनती गंगा नदी का कहर जारी, नकटा पंचायत के सभी 14 वार्ड बने टापू

बता दें कि महिलाओं और बच्चों के पास पहनने के लिए वस्त्र भी नहीं बचे हैं. शरीर पर एक मात्र वस्त्र है, जो हमेशा गिला रहता है. घर में रखे खाने-पीने का सामान पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुका है. बाढ़ पीड़ित किसी तरह से भोजन कर अपना पेट भरते हैं. वहीं क्षेत्र के मुखिया भागीरथ प्रसाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने निरीक्षण के क्रम में पाया कि स्थिति काफी खराब है.

'सरकार को इन सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुनासिब कराना चाहिए. मैं डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह से मांग करता हूं कि बाढ़ पीड़ितों को दिए जा रहे खाना के मेनू में थोड़ा बदलाव किया जाए. एक टाइम पुड़ी-कचौड़ी या रोटी सब्जी भी दी जाए. महिलाओं बच्चों के लिए वस्त्र की भी व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही पेय शुद्ध पानी बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द मुहैया कराया जाए.' -भागीरथ प्रसाद, मुखिया

ईटीवी भारत की टीम के माध्यम से लगातार ऐसी समस्याओं को दिखाने का कार्य किया जा रहा है. जिसका सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है. जिलाधिकारी, एसडीएम और अंचल के सीओ तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे. लेकिन अब तक स्वास्थ्य केंद्र या फिर स्वास्थ्य शिविर खोलने की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. वहीं अगर बात की जाए दीघा विधानसभा क्षेत्र की, तो वहां जिला प्रशासन के माध्यम से दोनों समय का भोजन मुहैया कराया जा रहा है.

पटना: बिहार की राजधनी पटना में गंगा नदी (Ganga River) के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. बाढ़ का पानी घरों के अंदर भर जाने से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. अधिकतर घरों में 7 फीट से अधिक पानी भरा हुआ है. जिसके चलते सभी लोग पास के एक बांध पर खाना बदोश जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

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सदर के नकटा दियारा पंचायत (Nakta Diyara Panchayat) के वार्ड नंबर-13 और 14 में रहने वाले लगभग 4,000 लोग बाढ़ का दंश झेल रहे हैं. यहां पिछले 15 दिनों से बाढ़ का पानी लोगों को परेशान किया हुआ है. हालात ये हो गए हैं कि घरों में 7 फीट से अधिक पानी घुसा हुआ है. हालांकि प्रशासन के माध्यम से बाढ़ पीड़ितों को दो समय का खाना मुहैया कराया जा रहा है. लेकिन सभी लोग एक तरह का खाना खाते-खाते थक चुके हैं.

देखें रिपोर्ट.

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बता दें कि महिलाओं और बच्चों के पास पहनने के लिए वस्त्र भी नहीं बचे हैं. शरीर पर एक मात्र वस्त्र है, जो हमेशा गिला रहता है. घर में रखे खाने-पीने का सामान पूरी तरह बाढ़ के पानी में डूब चुका है. बाढ़ पीड़ित किसी तरह से भोजन कर अपना पेट भरते हैं. वहीं क्षेत्र के मुखिया भागीरथ प्रसाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेने पहुंचे. उन्होंने निरीक्षण के क्रम में पाया कि स्थिति काफी खराब है.

'सरकार को इन सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुनासिब कराना चाहिए. मैं डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह से मांग करता हूं कि बाढ़ पीड़ितों को दिए जा रहे खाना के मेनू में थोड़ा बदलाव किया जाए. एक टाइम पुड़ी-कचौड़ी या रोटी सब्जी भी दी जाए. महिलाओं बच्चों के लिए वस्त्र की भी व्यवस्था की जाए. इसके साथ ही पेय शुद्ध पानी बाढ़ पीड़ितों को जल्द से जल्द मुहैया कराया जाए.' -भागीरथ प्रसाद, मुखिया

ईटीवी भारत की टीम के माध्यम से लगातार ऐसी समस्याओं को दिखाने का कार्य किया जा रहा है. जिसका सकारात्मक असर भी देखने को मिल रहा है. जिलाधिकारी, एसडीएम और अंचल के सीओ तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे. लेकिन अब तक स्वास्थ्य केंद्र या फिर स्वास्थ्य शिविर खोलने की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. वहीं अगर बात की जाए दीघा विधानसभा क्षेत्र की, तो वहां जिला प्रशासन के माध्यम से दोनों समय का भोजन मुहैया कराया जा रहा है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 11:07 AM IST
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