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Janata Darbar: ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में लोगों को जानकारी नहीं, CM से मिले बिना निराश लौट रहे लोग

बिहार में हर महीने के तीन सोमवार को चल रहे जनता दरबार (Janata Darbar) में आवेदन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जानकारी कई लोगों को नहीं है. इस वजह से प्रदेश के दूर-दराज इलाके से लोग बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही पहुंच जाते हैं. जानकारी के अभाव में ऐसे कई फरियादी की मुलाकात सीएम से नहीं हो पाती और वो निराश अपने घर लौट जाते हैं...

राजकुमार पंडित
राजकुमार पंडित
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Published : Nov 15, 2021, 1:52 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 2:36 PM IST

पटनाः सीएम नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) के जनता दरबार कार्यक्रम (Janata Darbar program) में इन दिनों काफी संख्या में लोग अपनी परेशानी लेकर पहुंतचे हैं और उसका निदान भी होता है. लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि जनता दरबार में पहुंचना कैसे है. यानी की कई लोग जनता दरबार में आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में जानते ही नहीं और बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही दूर दराज जिलों से पटना पहुंच जाते हैं, जिसके बाद उन्हें निराशा हाथ लगती है.

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पटना पहुंचने के बाद जब लोगों की मुलाकात सीएम से नहीं हो पाती और वो अपनी समस्या मुख्यमंत्री के सामने नहीं रख पाते तो उन्हें काफी मायूसी होती है. उस पर से जेब पर पड़ने वाला खर्चा भी अगल होता है. ऐसे कई लोगों को जनता दरबार के बाहर हमेशा देखा गया जो अपनी फरियाद लेकर बड़ी उम्मीद के साथ पहुंचते हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पाता और वो खाली हाथ लौटने पर मजबूर होते हैं.

सोमवार को जनता दरबार के बाहर मधुबनी से आए राजकुमार पंडित भी परेशान और निराश दिखे, जब उन्हें पता चला कि उनकी मुलाकात सीएम से नहीं हो पाएगी. क्योंकि उन्हें भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मुख्यमंत्री से गुहार लगाने वो रविवार को ही पटना पहुंच गए थे. पटना जंक्शन स्थित होटल में ठहरे थे, इस उम्मीद के साथ कि सुबह सीएम के दरबार में पहुंचकर उन्हें अपनी फरियाद सुनाएंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

देखें वीडियो

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दरअसल राजकुमार पंडित की भूदान की जमीन को लेकर विवाद है. इन्हें जमीन मिली हुई है उस पर उन्होंने मकान भी बनाया है. अब उस पर कोई और दावेदारी कर रहा है. इसी परेशानी को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने वो पहुंचे थे लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अब इन्हें निराशा हाथ लगी है. आने-जाने और पटना के होटल में ठहरने के कारण बड़ी राशि भी इनकी खर्च हो गई.

बता दें कि जनता दरबार कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

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प्रथम सोमवार: गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाते हैं.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों के मामले लिए जाते हैं.

वहीं, जनता दरबार के बाहर कुछ ऐसे लोग की भीड़ भी लग रही है जो रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, लेकिन 2 से 3 महीना होने के बाद भी उन्हें जनता दरबार के लिए बुलावा नहीं आया है.

पटनाः सीएम नीतीश कुमार (Cm Nitish Kumar) के जनता दरबार कार्यक्रम (Janata Darbar program) में इन दिनों काफी संख्या में लोग अपनी परेशानी लेकर पहुंतचे हैं और उसका निदान भी होता है. लेकिन कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि जनता दरबार में पहुंचना कैसे है. यानी की कई लोग जनता दरबार में आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में जानते ही नहीं और बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही दूर दराज जिलों से पटना पहुंच जाते हैं, जिसके बाद उन्हें निराशा हाथ लगती है.

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पटना पहुंचने के बाद जब लोगों की मुलाकात सीएम से नहीं हो पाती और वो अपनी समस्या मुख्यमंत्री के सामने नहीं रख पाते तो उन्हें काफी मायूसी होती है. उस पर से जेब पर पड़ने वाला खर्चा भी अगल होता है. ऐसे कई लोगों को जनता दरबार के बाहर हमेशा देखा गया जो अपनी फरियाद लेकर बड़ी उम्मीद के साथ पहुंचते हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पाता और वो खाली हाथ लौटने पर मजबूर होते हैं.

सोमवार को जनता दरबार के बाहर मधुबनी से आए राजकुमार पंडित भी परेशान और निराश दिखे, जब उन्हें पता चला कि उनकी मुलाकात सीएम से नहीं हो पाएगी. क्योंकि उन्हें भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मुख्यमंत्री से गुहार लगाने वो रविवार को ही पटना पहुंच गए थे. पटना जंक्शन स्थित होटल में ठहरे थे, इस उम्मीद के साथ कि सुबह सीएम के दरबार में पहुंचकर उन्हें अपनी फरियाद सुनाएंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

देखें वीडियो

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दरअसल राजकुमार पंडित की भूदान की जमीन को लेकर विवाद है. इन्हें जमीन मिली हुई है उस पर उन्होंने मकान भी बनाया है. अब उस पर कोई और दावेदारी कर रहा है. इसी परेशानी को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने वो पहुंचे थे लेकिन ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने के कारण अब इन्हें निराशा हाथ लगी है. आने-जाने और पटना के होटल में ठहरने के कारण बड़ी राशि भी इनकी खर्च हो गई.

बता दें कि जनता दरबार कार्यक्रम प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को आयोजित होता है. एक दिन में मुख्यमंत्री कई लोगों से मिलते हैं और उनकी समस्याएं सुनते हैं. हर सोमवार को अलग-अलग विभाग की समस्याएं ली जाती हैं. जनता दरबार में जिस दिन जिस विभाग की समस्या सुनी जाती है, उस दिन उस विभाग के पदाधिकारी और मंत्री मौजूद रहते हैं.

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प्रथम सोमवार: गृह राजस्व एवं भूमि सुधार, कारा, मद्य निषेध उत्पाद निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामले लिए जाते हैं.

द्वितीय सोमवार : स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, पिछड़ा अति पिछड़ा विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सूचना प्रावैधिकी कला संस्कृति, वित्त, श्रम संसाधन व अन्य विभागों की शिकायतें सुनी जाती है.

तृतीय सोमवार : ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, पीएचईडी, गन्ना विकास, सहकारिता, पशु व मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, नगर विकास, सूचना एवं जन संपर्क विभाग, वन एवं पर्यावरण, भवन निर्माण व अन्य विभागों के मामले लिए जाते हैं.

वहीं, जनता दरबार के बाहर कुछ ऐसे लोग की भीड़ भी लग रही है जो रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, लेकिन 2 से 3 महीना होने के बाद भी उन्हें जनता दरबार के लिए बुलावा नहीं आया है.

Last Updated : Nov 15, 2021, 2:36 PM IST
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