पटना: बिहटा में पिछले एक सप्ताह से लग रहे महाजाम ने बिहटा की सूरत को बिगाड़ दिया है. लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. इस क्षेत्र के नेशनल और स्टेट हाइवे सहित सभी सड़कों के दोनों ओर करीब 40 किलोमीटर तक भारी वाहनों की लंबी कतार लगी है. लोगों के इससे काफी परेशानी होगी.
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बताया जा रहा है कि इस बार के महाजाम ने सारे पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. बीते दस सालों में जितना जाम नहीं लगा है, उतना अब लग रहा है. इस जाम की समस्या से स्थानीय प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं.
महाजाम पर नहीं हो रहा कोई असर
105 किमी के इस महाजाम के लिए भोजपुर और पटना जिले की ओर से दोनों पूल पर तीन शिफ्ट में 12 मजिस्ट्रेट के साथ पर्याप्त संख्या में ट्रैफिक पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं. लेकिन इसका कोई असर महाजाम पर होते नहीं दिख रहा है.
सैकड़ों गाड़ियां हैं लाइन में
इस महाजाम में फंसे ट्रक पिछले 7 दिनों में सिर्फ 10 किमी का ही सफर तय कर कोइलवर पुल तक पहुंचे हैं. जिस पुराने पुल से बालू लोड गाड़ियों को जाने की अनुमति है. उस पर से किसी दिन 82 तो कभी औसतन 100 ट्रक ही निकल रहे हैं. वहीं, सैकड़ों गाड़ियां कतार में खड़ी हैं.
हालात हो रहे हैं बदतर
लोगों का कहना है कि जितनी गाड़ियां पुल से निकल रही हैं. उससे ज्यादा जाम में आकर खड़ी हो जा रही हैं. इससे तो जाम का खत्म होना कभी संभव ही नहीं लग रहा है. हालात हर रोज सुधरने के बजाय और बदतर होते जा रहे हैं.
निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
ओवरलोडेड ट्रकों को लेकर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा के निर्देशों का पालन नहीं किया गया. पटना के रानीतालाब और पालीगंज अनुमंडल में पड़ने वाले किसी भी घाट पर बालू उठाव से मना करने पर बालू का उठाव किया गया. वहीं, पटना जिले के घाटों से फिलहाल ट्रकों पर बालू लोड करने पर रोक लगाई गई है लेकिन अभी भी धड़ल्ले से ओवरलोडेड बालू लदे ट्रक सड़कों पर चल रहे हैं. यहां तक कि पटना जिले में कई घाटों पर अभी भी बालू का ओवरलोडिंग जारी है.