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धारा 370 हटाने के केन्द्र के फैसले पर PU के छात्रों ने दी ये प्रतिक्रिया

अनुच्छेद 370 में बदलाव के प्रस्ताव पर पीयू के छात्रों ने कहा कि यह बहुप्रतीक्षित मांग थी. देश में यह मुद्दा बहुत दिनों से चल रहा था. वहीं, कुछ छात्रों ने इस कदम को संविधान के साथ छेड़छाड़ बताया.

पटना
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Published : Aug 5, 2019, 6:15 PM IST

पटना: केंद्र सरकार ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 में बदलाव को लेकर प्रस्ताव पेश किया है. इस मुद्दे को लेकर देशभर में चर्चा ही रही है. पीयू के छात्रों ने भी सरकार के इस कदम को सराहनीय कदम बताया. वहीं, कुछ छात्रों ने इसे संविधान के साथ छेड़छाड़ बताया.

छात्रों का कहना है कि यह बहुप्रतीक्षित मांग थी. देश में यह मुद्दा बहुत दिनों से चल रहा था. कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा है. पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू हो. इससे आतंकी गतिविधियों में कमी आएगी. इसके साथ ही छात्रों ने कहा कि देश की खराब अर्थव्यवस्था को छुपाने के लिए यह सरकार ऐसा कदम उठा रही है.

अनुच्छेद 370 पर पीयू के छात्रों से बातचीत

केंद्र सरकार ने प्रस्ताव पेश किया
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया. जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया. गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के मुताबिक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी. जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा.

पटना: केंद्र सरकार ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 में बदलाव को लेकर प्रस्ताव पेश किया है. इस मुद्दे को लेकर देशभर में चर्चा ही रही है. पीयू के छात्रों ने भी सरकार के इस कदम को सराहनीय कदम बताया. वहीं, कुछ छात्रों ने इसे संविधान के साथ छेड़छाड़ बताया.

छात्रों का कहना है कि यह बहुप्रतीक्षित मांग थी. देश में यह मुद्दा बहुत दिनों से चल रहा था. कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा है. पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू हो. इससे आतंकी गतिविधियों में कमी आएगी. इसके साथ ही छात्रों ने कहा कि देश की खराब अर्थव्यवस्था को छुपाने के लिए यह सरकार ऐसा कदम उठा रही है.

अनुच्छेद 370 पर पीयू के छात्रों से बातचीत

केंद्र सरकार ने प्रस्ताव पेश किया
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यसभा में एक ऐतिहासिक संकल्प पेश किया. जिसमें अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ ही राज्य का विभाजन जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया गया. गृहमंत्री अमित शाह की ओर से पेश किए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के मुताबिक जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित क्षेत्र में अपनी विधायिका होगी. जबकि लद्दाख बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित क्षेत्र होगा.

Intro:पटना विश्वविद्यालय कैंपस में छात्र-छात्राओं से धारा 370 को लेकर उनकी राय


Body:राज्यसभा में धारा 370 की सिफारिश होते ही पूरे देश भर में कहीं जश्न का माहौल है तो कहीं विपक्षियों में इसका विरोधाभास बयान भी चलने लगे हैं
ऐसे में ईटीवी भारत के टीम पहुंची है पटना विश्वविद्यालय कैंपस, पटना विश्वविद्यालय कैंपस इसलिए क्योंकि बताया जाता है कि यह राजनीति की पहली पाठशाला है, जहां से लोग विधानसभा लोकसभा और राज्यसभा में जाते हैं आज उन्हीं छात्रों के बीच उनकी राय को जानने पहुंचे हैं कई छात्रों ने बताया कि यह सरकार के लिए स्वागत योग्य कदम है सराहनीय है वर्षों से इसकी प्रतिक्षा चल रहे थी, कि धारा 370 कब हटे कश्मीर का मुद्दा पूरे देश के लिए आईना बना हुआ था, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिए गए वादे को पूरा किया जा रहा है वहीं कई छात्रों ने इसको बीजेपी का एक हथकंडा बताया है वह संविधान से छेड़छाड़ करने की बात बता रहे हैं, वही भाव भीमराव अंबेडकर की बातों को बता रहे हैं


Conclusion:गौरतलब है कि एक तरफ जहां पूरा देश भर में जश्न का माहौल है वहीं विपक्षी पार्टियों में भी इसके खिलाफ कड़ी विरोधाभास किया जा रहा है विरोधियों की मानें तो इस को लेकर सरकार को और वक्त लेना चाहिए था कश्मीरियों का भी बात को रखनी चाहिए थी और संविधान के हर धाराओं को भी सुसंगत तरीके से गौर करनी चाहिए थी



छात्रो के साथ वन टू वन
मणिकांत मणि,महासचिव, पीयू छात्र संघ
शौकत,छात्र नेता
महफूज आलम,छात्र
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