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पटना: बिहार ट्रक एसोसिएशन की हड़ताल का आज तीसरा दिन, मांगों पर अड़ा ट्रक यूनियन

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Published : Jan 17, 2021, 7:27 AM IST

बिहार ट्रक एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर जीरो माइल के पास हड़ताल किया. केंद्र सरकार के द्वारा लागू नए परिवहन कानून में संशोधन या कानून को वापस लिया जाए, पुराना कानून लागू किया जाए आदि मांगें शामिल है, सरकार अगर अपने मनमाने रवैये को जारी रखती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज करते हुए सड़कों को जाम कर दिया जाएगा.

पटना
ट्रांस्पोटरों का हंगामा

पटना: जिले में ट्रक ओनर एसोसिएशन के सदस्य अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल पर हैं. एसोसिएशन के ट्रक हड़ताल के चलते जिले भर में ट्रकाें की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है. वहीं, पटनासिटी के जीरो माइल पर ट्रक एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

20 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रक ऑनर एसोसिएशन का हड़ताल
ट्रक एसोसिएशन उपाध्यक्ष गुड्डू खान का कहना है कि राज्य स्तरीय चक्का जाम का नेतृत्व बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन के बैनर तले 20 सूत्री मांग को लेकर किया गया है. इसमें केंद्र सरकार के द्वारा लागू नए परिवहन कानून में संशोधन या कानून को वापस लिया जाए, पुराना कानून लागू किया जाए आदि मांगें शामिल है. सरकार अगर अपने मनमाने रवैये को जारी रखती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज करते हुए सड़कों को जाम कर दिया जाएगा. वहीं, ट्रक ऑनर्स की हड़ताल के कारण जिला प्रशासन सतर्कता बरत रहा है.

बिहार ट्रक एसोसिएशन का अनिश्चतकाल हड़ताल शुरू

ये भी पढ़ें.. बिहार: कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा दिन आज, पहले दिन टार्गेट नहीं हुआ पूरा

'सरकार अपनी गलत नीति लागू की है. जिससे बिहार और यूपी के हजारों ट्रक मालिक मर रहे हैं. गाड़ियों का किश्त तक नहीं दे पा रहे हैं. जिससे बैंक वाले और फाइनेंस करने वाली कंपनियां लगातार ट्रक मालिकों का शोषण कर रही है. सरकार ओवरलोडिंग पर नकेल लगाने में फेल हो गई है. इसीलिए ओवरलोडिंग रोकने की जगह 14 चक्का उससे अधिक चक्का वाले गाड़ियों पर बालू गिट्टी की ढुलाई बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है. जिससे मोटर मालिक की गाड़ी तो खड़ी हो ही गयी. पेट्रोल पंप वाले, मजदूर, ड्राइवर, खलासी सभी बेरोजगार हो गए है'.एक तरफ सरकार लाखों लोगों को नौकरी देने का बात कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ इस रोजगार में लगे लोगों की नौकरी छीनने का काम भी कर रही है'.- गुड्डू खान, उपाध्यक्ष, ट्रक एसोसिएशन

सरकार की गलत नीतियों पर ट्रक मालिकों को एतराज
आंदोलन पर उतरे ट्रक मालिकों ने सरकार की तानाशाह नीतियों पर कड़ा एतराज जताया है. ट्रक मालिकों ने कहा कि इन नीतियों के अनुसार बिना माइनिंग पेपर के अगर ओवरलोड ट्रक को पकड़ा जाता है, तो चालक के साथ-साथ ट्रक मालिक को भी जेल भेजा जाएगा और उस वाहन की नीलामी करा दी जाएगी, यह गलत है, ट्रक मालिक हमेशा वाहन पर मौजूद नहीं रहते, ऐसे में अगर कोई चालक वाहन को ओवरलोड कर दे तो वाहन मालिक को जेल भेजना और वाहन को नीलाम करना न्याय संगत नहीं है, बल्कि वाहन पर जुर्माना किया जाना उचित है.

परिचालन ठप होने से कई कार्यों पर पड़ेगा असर
ट्रकों के परिचालन ठप होने के बाद कई कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जिले में आने वाले खाद्य पदार्थों पर इसका निश्चित प्रभाव पड़ेगा, ऐसे में इन खाद्य पदार्थों की कीमतों में निश्चित ही बढ़ोतरी होगी और इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा. इसके अलावा निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित होंगे, साथ ही घरेलु रसोई सिलेंडर, बालू, पत्थर समेत कई अन्य सामग्रियों की ढुलाई पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा.

पटना: जिले में ट्रक ओनर एसोसिएशन के सदस्य अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल पर हैं. एसोसिएशन के ट्रक हड़ताल के चलते जिले भर में ट्रकाें की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है. वहीं, पटनासिटी के जीरो माइल पर ट्रक एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

20 सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रक ऑनर एसोसिएशन का हड़ताल
ट्रक एसोसिएशन उपाध्यक्ष गुड्डू खान का कहना है कि राज्य स्तरीय चक्का जाम का नेतृत्व बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन के बैनर तले 20 सूत्री मांग को लेकर किया गया है. इसमें केंद्र सरकार के द्वारा लागू नए परिवहन कानून में संशोधन या कानून को वापस लिया जाए, पुराना कानून लागू किया जाए आदि मांगें शामिल है. सरकार अगर अपने मनमाने रवैये को जारी रखती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज करते हुए सड़कों को जाम कर दिया जाएगा. वहीं, ट्रक ऑनर्स की हड़ताल के कारण जिला प्रशासन सतर्कता बरत रहा है.

बिहार ट्रक एसोसिएशन का अनिश्चतकाल हड़ताल शुरू

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'सरकार अपनी गलत नीति लागू की है. जिससे बिहार और यूपी के हजारों ट्रक मालिक मर रहे हैं. गाड़ियों का किश्त तक नहीं दे पा रहे हैं. जिससे बैंक वाले और फाइनेंस करने वाली कंपनियां लगातार ट्रक मालिकों का शोषण कर रही है. सरकार ओवरलोडिंग पर नकेल लगाने में फेल हो गई है. इसीलिए ओवरलोडिंग रोकने की जगह 14 चक्का उससे अधिक चक्का वाले गाड़ियों पर बालू गिट्टी की ढुलाई बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है. जिससे मोटर मालिक की गाड़ी तो खड़ी हो ही गयी. पेट्रोल पंप वाले, मजदूर, ड्राइवर, खलासी सभी बेरोजगार हो गए है'.एक तरफ सरकार लाखों लोगों को नौकरी देने का बात कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ इस रोजगार में लगे लोगों की नौकरी छीनने का काम भी कर रही है'.- गुड्डू खान, उपाध्यक्ष, ट्रक एसोसिएशन

सरकार की गलत नीतियों पर ट्रक मालिकों को एतराज
आंदोलन पर उतरे ट्रक मालिकों ने सरकार की तानाशाह नीतियों पर कड़ा एतराज जताया है. ट्रक मालिकों ने कहा कि इन नीतियों के अनुसार बिना माइनिंग पेपर के अगर ओवरलोड ट्रक को पकड़ा जाता है, तो चालक के साथ-साथ ट्रक मालिक को भी जेल भेजा जाएगा और उस वाहन की नीलामी करा दी जाएगी, यह गलत है, ट्रक मालिक हमेशा वाहन पर मौजूद नहीं रहते, ऐसे में अगर कोई चालक वाहन को ओवरलोड कर दे तो वाहन मालिक को जेल भेजना और वाहन को नीलाम करना न्याय संगत नहीं है, बल्कि वाहन पर जुर्माना किया जाना उचित है.

परिचालन ठप होने से कई कार्यों पर पड़ेगा असर
ट्रकों के परिचालन ठप होने के बाद कई कार्यों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण जिले में आने वाले खाद्य पदार्थों पर इसका निश्चित प्रभाव पड़ेगा, ऐसे में इन खाद्य पदार्थों की कीमतों में निश्चित ही बढ़ोतरी होगी और इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा. इसके अलावा निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित होंगे, साथ ही घरेलु रसोई सिलेंडर, बालू, पत्थर समेत कई अन्य सामग्रियों की ढुलाई पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा.

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