पटना: राजधानी पटना (Patna) को स्मार्ट बनाने के सरकार लाख दावे कर ले, लेकिन पटना वासियों को आज भी शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो रहा है. बरसात के मौसम में लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) की ओर से पटना वासियों को पानी की जो सप्लाई (Water Supply) दी जाती है, वो पीने लायक नहीं होती है. क्योंकि पाइप लाइन जर्जर अवस्था में हो गई है. जिसकी वजह से लोगों के घरों तक गंदा पानी पहुंच पा रहा है.
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लोगों को शुद्ध पानी मिल सके इसके लिए सरकार हर बार करोड़ों रुपये का बजट तो बनाती है लेकिन उसके बाद भी लोगों तक शुद्ध पानी नहीं पहुंच पाता है. गंदे पानी को लेकर लोगों ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि निगम प्रशासन की तरफ से जो पानी हमें सप्लाई दी जाती है वह पीने लायक नहीं होती है. जिसकी वजह से हम लोग हर दिन पैसे से पानी खरीद कर ही पीते हैं.
लोगों ने कहा कि पाइप लाइन जर्जर होने के कारण निगम प्रशासन की ओर से दी जाने वाली सप्लाई का पानी गंदा आता है. कभी पानी में स्पीड नहीं होती है तो कभी समय पर पानी नहीं मिल पाता है. जिसकी वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
लोगों ने कहा कि जिस पाइप के माध्यम से घरों तक पानी आ रहा है. वह पाइप नाला क्रश कर घरों तक आती है. वहीं नाले की सफाई के दौरान पाइप फट गया था. जिसकी वजह से पानी गंदा आ रहा है, लेकिन निगम प्रशासन के अधिकारी अभी तक उस पाइप को नहीं बदल सके.
कुछ महिलाओं ने कहा कि जो पानी आता है. वह गंदा तो होता ही है. साथ ही उसमें से काफी बदबू भी होती है. जिसकी वजह से उस पानी से हम लोग बर्तन तक नहीं धोते हैं. गंदे पानी होने की वजह से बाहर से पानी मंगा कर गर्म करके ही घर के लोगों को पिलाते हैं ताकि लोग बीमार न पड़े.
बताते चलें कि पटना नगर निगम की ओर से लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर हर साल अधिकारियों की तरफ से खूब दावे किए जाते हैं, लेकिन वह दावा गर्मी का मौसम शुरू होते हैं फिसड्डी होने लगता है. तपिश भरी गर्मी में लोगों को सही समय पर पानी नसीब नहीं होता है. लोगों को पानी के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है.
वहीं अब बरसात के मौसम में लोगों के घरों में गंदा पानी मिल रहा है. उसे बचाने के लिए निगम प्रशासन की तरफ से कहा जा रहा है कि वाटर टैंकर के माध्यम से लोगों को पानी सप्लाई की जा रही है. कौशल नगर का इलाका हो या फिर मंदिरी का इलाका, शास्त्री नगर, मीठापुर, पटेल नगर, कंकड़बाग, अशोक राजपथ, पाटलिपुत्र, दीघा आदि इलाकों में गंदा पानी आने की वजह से लोगों में सरकार के प्रति आक्रोश है.
पेयजल की समस्या को लेकर मेयर सीता साहू ने कहा कि हम लोगों को शुद्ध पेयजल पिलाने के लिए वादा तो करते हैं लेकिन सरकार हमारी मदद नहीं करती है. सरकार से जो राशि हमें समय पर मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती है. उन्होंने बताया कि पंचम वित्त आयोग के माध्यम से सरकार से निगम प्रशासन को हर साल 187 करोड रुपए मिलते हैं. जिसके माध्यम से हम नगर निगम क्षेत्र में कार्य करते हैं.
उन्होंने बताया कि इस पैसे में बीस प्रतिशत की राशि सड़क की मरम्मती कार्य पर खर्च करते हैं. वहीं तीस प्रतिशत राशि शुद्ध पेयजल पर खर्च करनी होती है, लेकिन सरकार की तरफ से जो हमें 187 करोड़ रुपए देने की बात कही जाती है. उसमें से हमें 73 करोड़ से अधिक पैसा नहीं मिल पाता है. जिसकी वजह से हम लोगों को शुद्ध पेयजल देने में सक्षम नहीं हो पाते हैं.
बताते चलें कि आज भी पटना नगर निगम पुराने 110 जर्जर वाटर पाइप के सहारे ही लोगों की प्यास बुझाने का दावा कर रहा है. निगम प्रशासन की तरफ से पहले बताया गया था कि 11 जगह हाई वाटर पंप लगाया जा रहा है. जिसके माध्यम से लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा.
इसके लिए पटना शहर में कुल 11 जल मीनार का निर्माण करना है. जिसमें से 6 जल मीनार का निर्माण बुडको द्वारा करना है लेकिन बुडको की ओर से अभी तक जल मीनार का निर्माण नहीं करवाया जा सका है. ऐसे में लोग गंदा पानी पी रहे हैं. वहीं निगम प्रशासन के अधिकारी एक दूसरे विभाग पर ढेला फेंकने में लगे हुए हैं.
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