पटना: पीएमसीएच की घोर लापरवाही देखने को मिली. यहां जिंदा मरीज के परिजनों को किसी दूसरे की लाश सौंप दी. हैरानी की बात ये है कि मरीज अभी भी जिंदा है और उसकी तबियत में सुधार हो रहा है. जिला प्रशासन की टीम बांस घाट से डेड बॉडी को वापस पीएमसीएच ला रही है.
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पीएमसीएच की बड़ी लापरवाही
राजधानी पटना के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल पीएमसीएच में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली. यहां जिंदा मरीज के परिजनों को किसी दूसरे की लाश सौंप दी. मरीज अभी भी जिंदा है और उसकी तबियत में सुधार हो रहा है. दरअसल, यहां दाह संस्कार क्रम के दौरान परिजनों ने जब मुखाग्नि देने के लिए चेहरे का कवर हटाया, तो पता चला कि शव उनके परिजन का है ही नहीं. इस पर ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया.
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पीएमसीएच में मरीज अभी जिंदा
ऐसे में डॉक्टरों ने एक परिजन को पीपीई किट पहनाकर कोरोना वार्ड के अंदर भेजा, ताकि वो अपने मरीज को पहचान सके. ऐसे में परिजन ने पाया कि उनका मरीज जिंदा है और सुधार की हालत में है. बाहर निकल कर परिजनों ने बताया कि जिंदा मरीज का डेथ सर्टिफिकेट तैयार कर दिया गया और उन्हें बॉडी सुपुर्द करने वक्त भी अस्पताल प्रबंधन की तरफ से मरीज का चेहरा नहीं दिखाया गया. परिजनों ने कहा कि ये अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है कि जिंदा मरीज को मृत घोषित कर दिया जा रहा है.
मौत की खबर से परिजनों को लगा सदमा
चुन्नू की पत्नी कविता देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उसे उम्मीद नहीं थी कि अचानक पति की मौत हो जाएगी. दिन में जब मौत की खबर मिली तो सदमा लगा. घाट पर जब लोगों ने देखा कि शव किसी और का है तो राहत मिली. उन्हें यकीन हो गया कि उनके पति जिंदा हैं. कविता ने कहा कि बस अब यही चाहती हूं कि अस्पताल में पति का बेहतर इलाज हो और वह स्वस्थ होकर घर लौटें.
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लापरवाही को सुधारने में जुटे डीएम
पटना पीएमसीएच में कोरोना पीड़ित जीवित व्यक्ति को मृत बताकर शव उपलब्ध कराने संबंधी मामले को गंभीरता से लेते हुए पटना जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह की टीम पीएमसीएच की भूल को सुधारने के लिए अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मरीज के जिंदा होने का प्रमाण पत्र परिजनों को उपलब्ध कराया. डीएम ने पीएमसीएच के प्राचार्य और अधीक्षक को पत्र लिखकर सख्त निर्देश दिए हैं.
डीएम ने कठोर कार्रवाई के दिए निर्देश
उन्होंने इस मामले की लापरवाही और कुप्रबंधन की जांच कर जवाबदेही तय करने और दोषी के खिलाफ कठोर अनुशासनिक कार्रवाई कर 24 घंटे के अंदर प्रतिवेदित करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही की पुनरावृति रोकने की पुख्ता व्यवस्था करने का सख्त निर्देश दिया है.
पीएमसीएच मामले में एक्शन में डीएम
मामला सामने आते ही जिलाधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, जिला नियंत्रण कक्ष के सिटी मजिस्ट्रेट को मामले को देखने का आदेश दिया. जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने जिलाधिकारी को बताया कि बृजबिहारी के भाई चुन्नू कुमार जीवित हैं और पीएमसीएच में भर्ती हैं. उनके परिवार को किसी अन्य का शव हस्तगत करा दिया गया है.
पीएमसीएच की हेल्थ मैनेजर सस्पेंड
कोरोना के जिंदा मरीज के परिजन को दूसरे की लाश सौंपने के मामले में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. खबर प्रकाशित होने के बाद पीएमसीएच प्रशासन ने मामले की जांच की और लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की. सुपरिटेंडेंट डॉ. आईएस ठाकुर ने हेल्थ मैनेजर अंजली कुमारी को सस्पेंड कर दिया है.
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11 अप्रैल को पीएमसीएच में हुए भर्ती
बता दें कि 11 अप्रैल को बाढ़ के महमदपुर निवासी बृजबिहारी का भाई चुन्नू कुमार कोविड-19 संक्रमित होने के कारण पीएमसीएच पटना में भर्ती थे. 11 अप्रैल को ही पीएमसीएच प्रशासन ने उनके भाई को मृत बताकर उन्हें दूसरे व्यक्ति का शव दे दिया था.