पटना: देश और दुनिया में दिन प्रतिदिन नई-नई तकनीकी आ रही है. ऐसे में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Science and Technology) ने पटना स्थित तारामंडल को हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस करने का फैसला लिया है. बिहार सरकार (Bihar Government) में मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया कि इसको लेकर हाल ही में बिहार काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम कोलकाता के बीच एमओयू साइन हुआ है.
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राजधानी पटना स्थित तारामंडल की स्थापना 1993 में हुई थी. जिसे अब अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया जाएगा ताकि लोगों को बेहतर स्क्रीनिंग दिखाई जा सके. इंदिरा गांधी विज्ञान परिसर तारामंडल पटना में अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित 3डी,2डी आरजीबी लेजर प्रोजेक्टर एवं चैन सस्पेंडेड डोम स्क्रीन तथा ऑप्टिकल टेलीस्कोप लगाया जाएगा. इस योजना में कुल 36 करोड़ 13 लाख 20 हजार रुपये खर्च होंगे. जिसके लिए 5 करोड़ 41 लाख 98 हजार विमुक्त किया जा चुका है. वर्तमान में तकनीकी क्षेत्र में ऑप्टोमेकैनिकल प्रोजेक्शन सिस्टम एवं धूम स्क्रीनिंग इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसे जल्द ही बदला जाएगा.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया कि इस परियोजना को पूरा होने में करीब डेढ़ साल लग जाएंगे. जिसके बाद लोग हाईटेक तारामंडल में बेहतर स्क्रीनिंग का लुफ्त उठा सकेंगे.
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वहीं, नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के अधिकारी का कहना है कि प्रतिदिन नई-नई तकनीकी आ रही है. हमारा प्रयास है कि लोगों को बेहतर स्क्रीनिंग दी जाए. इसके लिए सभी हाईटेक टेक्नोलॉजी तारामंडल में लगाई जाएगी. जो साउंड के लिए सिस्टम यूज किया जाता है, उसे भी बदला जाएगा और हाईटेक साउंड सिस्टम लगाया जाएगा. जिससे लोग हाईटेक टेक्नोलॉजी का लुफ्त सकें और चीजों को देख सकें.