पटना: पटना म्यूजियम में तीन कंजर्वेशन लैब बनाने के लिए एमओयू किया गया है. पटना म्यूजियम की कलाकृतियों को संरक्षित करने के उद्देश्य से कंजर्वेशन लैब स्थापित किया जाएगा. इसके लिए इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स और पटना म्यूजियम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है. पटना म्यूजियम में तीन कंजर्वेशन लैब बनाकर कलाकृतियों को संरक्षित किया जाएगा. इसके लिए 5 साल का इकरनाम तय किया गया है.
इंदिरा गांधी सेंटर फाॅर आर्ट्स के साथ एमओयू : बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस करके यह बताया कि आज का बहुत अच्छा दिन है कि पटना म्यूजियम में जितने भी धरोहर हैं. उनकी देखरेख के लिए इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के साथ समझौता हुआ है. जिनके द्वारा तीन कंजर्वेशन लैब स्थापित किए जाएंगे. इस लैब के माध्यम से जितने भी बिहार म्यूजियम में धरोहर हैं. उनकी समय-समय पर देखरेख की जाएगी और जिसमें कुछ कमी होगी, उसमें कुछ नया रूप देना होगा. वह भी दिया जाएगा.
एक नवंबर से शुरू हो जाएगी निर्माण प्रक्रिया : 1 नवंबर से कंजर्वेशन लैब बनाने का प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. पुरातत्वों के संरक्षण को लेकर लगभग 13 करोड़ की लागत से कंजर्वेशन लैब की स्थापना की जाएगी. पटना म्यूजियम के नए भवन में यह तीनों कंजर्वेशन लैब बनाया जाएगा. इसको लेकर भारत सरकार के इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के साथ म्यूजियम के बीच एमओयू साइन हुआ है. अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में सांस्कृतिक धरोहर की कमी नहीं है.
" मगध क्षेत्र में जब भी खुदाई होती है तो कुछ पुरातात्विक अवशेष मिलते हैं. उसकी देखरेख के लिए या निर्णय लिया गया है और आने वाले समय में कंजर्वेशन लैब बनने के बाद ट्रेनिंग भी दी जाएगी. पेपर, पत्थर और मेटल के लिए अलग अलग तीन कंजर्वेशन लैब नए भवन में बनाए जाएंगे. इस लैब के जरिए आवश्यकता अनुसार समय समय पर कलाकृतियों और पुरावशेषों की देखरेख की जाएगी."- अंजनी सिंह, महानिदेशक, बिहार म्यूजियम
कंजर्वेशन लैब में दूसरे संग्रहालयों के भी पुराअवशेष होंगे संरक्षित : अंजनी सिंह ने बताया कि पटना संग्रहालय देश और दुनिया में संग्रह और प्रदर्शन के लिए विख्यात है. पटना संग्रहालय को भी इसी तर्ज पर विकसित किया जा रहा है. कंजर्वेशन लैब बनाने में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा. आने वाले समय में पटना संग्रहालय के आलावा देश के अलग-अलग राज्य के संग्रहालयों के पुरावशेषों का संरक्षण किया जा सके.