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घाटे में चल रहा पटना नगर निगम, रुके हैं कई कार्य

सशक्त स्थाई समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा ने बताया कि नगर निगम की आय में बढ़ोतरी को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि लगातार प्रयास कर रहे हैं. वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम कोई प्रोजेक्ट बनाती है तो सरकार उसे रिजेक्ट कर देती है. इस हालात में हम अपनी आय कैसे बढ़ाएं?

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घाटे में चल रहा पटना नगर निगम
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Published : Jan 14, 2020, 7:46 PM IST

पटना: सरकार के नीतियों की वजह से पटना नगर निगम लंबे समय से घाटे में चल रहा है. शहर का विकास साफ-सफाई सुंदरीकरण के लिए नगर निगम के पास उचित धनराशि उपलब्ध नहीं है. 2011 के जनगणना के अनुसार 17 लाख आबादी वाला यह शहर आज निगम स्वतंत्र संस्था होते हुए भी अपना खर्च नहीं निकाल पाता है.

बता दें कि पिछले कई सालों से निगम होल्डिंग टैक्स, जल और नल का टैक्स के अलावा किसी भी तरह के टैक्स को नहीं बढ़ा पाया है. वहीं, निगम के कार्यों में बिहार सरकार के हस्तक्षेप की स्थिति में निगम अपने अनुसार शहर की साफ-सफाई और गलियों में स्ट्रीट लाइट लगाने में सक्षम नहीं है.

'समय पर सरकार नहीं देती है राशि'
सशक्त स्थाई समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा ने बताया कि नगर निगम की आय में बढ़ोतरी को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि लगातार प्रयास कर रहे हैं. वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम कोई प्रोजेक्ट बनाती है तो सरकार उसे रिजेक्ट कर देती है. इस हालात में हम अपनी आय कैसे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो भी राशि मिलती है. वह भी समय पर नहीं दी जाती है और जो मिलता है वह नियम और शर्तों के साथ कटौती करके मिलता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'निगम के प्रोजेक्ट को सरकार ने किया डिलीट'
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक पटना नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना लेकर आई है. जिसमें मल्टीप्लेक्स मार्केट, कंपलेक्स होटल और होर्डिंग से होने वाली आय यह निगम को काफी हद तक आर्थिक मदद पहुंचा सकता था. लेकिन हर प्रोजेक्ट को बिहार सरकार डिलीट करती गई. शहर में लगने वाले होर्डिंग का तो और भी बुरा हाल है. नगर निगम ने एक भी होर्डिंग का परमिशन नहीं दिया है. लेकिन आपको पूरे शहर में होल्डिंग दिखाई देंगे. आखिर इसका पैसा कहां जा रहा है यह निगम को पता नहीं है.

पटना: सरकार के नीतियों की वजह से पटना नगर निगम लंबे समय से घाटे में चल रहा है. शहर का विकास साफ-सफाई सुंदरीकरण के लिए नगर निगम के पास उचित धनराशि उपलब्ध नहीं है. 2011 के जनगणना के अनुसार 17 लाख आबादी वाला यह शहर आज निगम स्वतंत्र संस्था होते हुए भी अपना खर्च नहीं निकाल पाता है.

बता दें कि पिछले कई सालों से निगम होल्डिंग टैक्स, जल और नल का टैक्स के अलावा किसी भी तरह के टैक्स को नहीं बढ़ा पाया है. वहीं, निगम के कार्यों में बिहार सरकार के हस्तक्षेप की स्थिति में निगम अपने अनुसार शहर की साफ-सफाई और गलियों में स्ट्रीट लाइट लगाने में सक्षम नहीं है.

'समय पर सरकार नहीं देती है राशि'
सशक्त स्थाई समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा ने बताया कि नगर निगम की आय में बढ़ोतरी को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि लगातार प्रयास कर रहे हैं. वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि निगम कोई प्रोजेक्ट बनाती है तो सरकार उसे रिजेक्ट कर देती है. इस हालात में हम अपनी आय कैसे बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जो भी राशि मिलती है. वह भी समय पर नहीं दी जाती है और जो मिलता है वह नियम और शर्तों के साथ कटौती करके मिलता है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'निगम के प्रोजेक्ट को सरकार ने किया डिलीट'
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक पटना नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना लेकर आई है. जिसमें मल्टीप्लेक्स मार्केट, कंपलेक्स होटल और होर्डिंग से होने वाली आय यह निगम को काफी हद तक आर्थिक मदद पहुंचा सकता था. लेकिन हर प्रोजेक्ट को बिहार सरकार डिलीट करती गई. शहर में लगने वाले होर्डिंग का तो और भी बुरा हाल है. नगर निगम ने एक भी होर्डिंग का परमिशन नहीं दिया है. लेकिन आपको पूरे शहर में होल्डिंग दिखाई देंगे. आखिर इसका पैसा कहां जा रहा है यह निगम को पता नहीं है.

Intro:बिहार सरकार के नीतियों के कारण आज पटना नगर निगम अपना खर्च भी निकालने में अक्षम है जिसके कारण शहर के साफ सफाई के साथ-साथ संदेश करण पर भी असर पड़ता है--


Body:पटना-- पटना नगर निगम लंबे समय से सरकार के रवैया के कारण घाटे में चल रहा है शहर का विकास साफ-सफाई सुंदरीकरण इस सबके लिए सरकार के पैसे को मुहताज है ,हर काम करने के लिए सरकार के तरफ हाथ फैलाना पड़ता है 2011 के जनगणना के अनुसार 17 लाख आवादी बाला यह शहर जहा 17 km लंबा तो 8 km चौड़ा है आज निगम स्वंतत्र संस्था होते हुए भी अपनी खर्च नही निकाल पाता है निगम में आय कैसे हो इसको लेकर निगम के अधिकारी के साथ जनप्रतिनिधि लगातार जूझ रहे हैं और बिहार सरकार पर हद से ज्यादा हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे हैं निगम के अस्थाई सदस्यों का कहना है कि हम लोग को ही पर पूजा बनाते हैं तो सरकार उसे रिजेक्ट कर देती है तो इस हालात में हम अपनी आय कैसे बढ़ाएं सरकार द्वारा जो भी राशि मिलती है वह भी समय पर नहीं मिलता और जो मिलता है वह नियम और शर्तों के साथ कटौती करके मिलता है लेकिन जब विफलता का समय आता है तो उन निगम के माथे सारी विफलता मढ़ दी जाती है हम आपको बता दें कि पटना नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना लेकर आई जैसे मल्टीप्लेक्स मार्केट कंपलेक्स होटल और होर्डिंग से होने वाली आय को यह निगम को काफी हद तक आर्थिक मदद पहुंचा सकता था लेकिन हर प्रोजेक्ट को बिहार सरकार डिलीट करते गई शहर में लगने वाले हार्डिंग का तो और भी बुरा हाल है नगर निगम एक भी वोटिंग का परमिशन नहीं दिया है लेकिन आपको पूरे शहर में होल्डिंग दिखाई देंगे आखिर इसका पैसा कहां जा रहा है यह निगम को पता नहीं हैइसपर निगम जब भी कार्रवाई करता है तो होल्डिंग माफिया कोर्ट से स्टे लेकर काम को रुकवा देते हैं ऐसी स्थिति में है निगम कहां से अपनी आर्थिक स्थिति सुधार पाएगी

बाइट--डॉ आशीष सिन्हा ,जन प्रतिनिधि, pmc


Conclusion:पिछले कई सालों से निगम होल्डिंग टैक्स जल और नल का टैक्स के अलावा किसी भी तरह का टैक्स को नहीं बढ़ा पाया है कारन बिहार सरकार द्वारा हस्तक्षेप ऐसी स्थिति में निगम अपने अनुसार शहर को साफ सफाई और गलियों में स्ट्रीट लाइट आदि लगाने अभी सक्षम नहीं है
अरविन्द राठौर etv भारत
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