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पटना नगर निगम का बजट बढ़ा, मगर नालों में तब्दील हो गईं सड़कें

पटना के कई इलाकों की सड़कें पिछले पांच दिनों से डूबी हुई हैं. लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. लोगों का कहना है कि इस साल बजट में इजाफे के बाद भी सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं की गई. निगम की यही लापरवाही लोगों पर भारी पड़ी है.

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Published : Oct 3, 2019, 5:26 PM IST

Updated : Oct 3, 2019, 6:17 PM IST

पटना: राजधानी में नाला उड़ाही या नालियों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है. कहा जा रहा है कि बारिश के कारण हुए जलजमाव का सबसे बड़ा कारण नालों और नालियों की सफाई का नहीं होना है.

सफाई नहीं होने से राजधानी के नाले जाम रहे और सड़कें नालों में तब्दील हो गईं. हालांकि, नगर निगम के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कई गुणा बढ़ोतरी की गई है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस वित्तीय वर्ष यानी 2019-20 में पटना नगर निगम के लिए 4064 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.

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पटना में यातायात बाधित

पांच दिनों से डूबी है राजधानी
ऐसे में बजट तो बढ़ गया, लेकिन शहर से बारिश का पानी भी नहीं निकल सका. पटना के कई इलाकों की सड़कें पिछले पांच दिनों से डूबी हुई हैं. लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. बता दें कि इस ऐतिहासिक शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की भी कवायद है.

देखें राजधानी का नजारा

सफाई की जिम्मेदारी निगम की है
75 वार्ड वाले पटना नगर निगम में साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है. पटना नगर निगम का बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 609 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2018-19 में निगम का कुल बजट 864 करोड़ रुपये था. लेकिन, मौजूदा समय में शहर पानी-पानी हो गया है. राजधानी के राजेंद्रनगर, कंकड़बाग सहित कई इलाकों में लोग पिछले पांच दिनों से घरों में कैद हैं. हालांकि, सरकार और जिला प्रशासन पानी निकालने की कवायद में जुटा हुआ है.

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नहीं हुई नालों की सफाई

पटना: राजधानी में नाला उड़ाही या नालियों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है. कहा जा रहा है कि बारिश के कारण हुए जलजमाव का सबसे बड़ा कारण नालों और नालियों की सफाई का नहीं होना है.

सफाई नहीं होने से राजधानी के नाले जाम रहे और सड़कें नालों में तब्दील हो गईं. हालांकि, नगर निगम के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कई गुणा बढ़ोतरी की गई है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस वित्तीय वर्ष यानी 2019-20 में पटना नगर निगम के लिए 4064 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.

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पटना में यातायात बाधित

पांच दिनों से डूबी है राजधानी
ऐसे में बजट तो बढ़ गया, लेकिन शहर से बारिश का पानी भी नहीं निकल सका. पटना के कई इलाकों की सड़कें पिछले पांच दिनों से डूबी हुई हैं. लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. बता दें कि इस ऐतिहासिक शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की भी कवायद है.

देखें राजधानी का नजारा

सफाई की जिम्मेदारी निगम की है
75 वार्ड वाले पटना नगर निगम में साफ-सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है. पटना नगर निगम का बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 609 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2018-19 में निगम का कुल बजट 864 करोड़ रुपये था. लेकिन, मौजूदा समय में शहर पानी-पानी हो गया है. राजधानी के राजेंद्रनगर, कंकड़बाग सहित कई इलाकों में लोग पिछले पांच दिनों से घरों में कैद हैं. हालांकि, सरकार और जिला प्रशासन पानी निकालने की कवायद में जुटा हुआ है.

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नहीं हुई नालों की सफाई
Intro:ऑफिस से मंगा गया visual पीटीसी अरविन्द


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Conclusion:..
Last Updated : Oct 3, 2019, 6:17 PM IST
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