पटना: बिहार में जिस तरह से कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है, लोगों की परेशानी उससे कई गुना अधिक बढ़ रही है. इस पर पटना हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप देनी चाहिए.
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दरअसल, राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर पटना हाईकोर्ट में प्रतिदिन सुनवाई हो रही है. बिगड़ती स्थिति पर पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई हुई. जस्टिस सी. एस. सिंह की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की असफलता पर कड़ी नाराजगी जताई. कोर्ट ने स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य की पूरी स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप देना चाहिए.
'स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात'
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने सूबे में लॉकडाउन लगाने के निर्णय की जानकारी दी. जस्टिस सी एस सिंह की खंडपीठ को बताया गया कि राज्य में 5 मई से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के कोरोना से निबटने में असफल होने पर गहरी नाराजगी जताई. हाईकोर्ट ने कहा कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बाद स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है. इस मामले पर अगली सुनवाई 6 मई को होगी.
लॉकडाउन पर मांगा था जवाब
बता दें कि सोमवार की सुनवाई में राज्य सरकार को राज्य में Lockdown लगाने पर विचार कर मंगलवार तक जवाब देने का निर्देश दिया था. हालांकि मंगलवार से 15 मई तक प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी गयी है. वहीं, पीठ ने पीएमसीएच में कोरोना के कम मरीज होने के बाद भी ऑक्सीजन की ज्यादा खपत को गंभीरता से लिया और सरकार से सवाल किए.
'ऑक्सीजन की कालाबाजारी संभव'
इस मामले में स्वास्थ विभाग की टीम ने कोर्ट को बताया कि जिस तरह से वहां ऑक्सीजन की खपत हो रही है, उसमें कालाबाजारी की संभावना है. ESIC अस्पताल, बिहटा में व्यवस्था और स्टाफ की काफी कमी है. अस्पताल में 23 अप्रैल से डॉक्टर तो आ गए हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में वे काम नहीं कर पा रहे हैं. इस मामले पर कोर्ट में कल भी सुनवाई जारी रहेगी.