पटनाः बिहार की राजधानी पटना में हाईकोर्ट की महिला वकीलों ने छेड़छाड़ के मामले (Patna High Court woman lawyer molestation case ) में आरोपी अधिवक्ता निरंजन कुमार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित कर हाईकोर्ट प्रशासन से गुहार लगाई कि स्वत: संज्ञान लेकर वे इस मामले की सुनवाई करें. उन्होंने अपने प्रस्ताव में हाईकोर्ट प्रशासन से गुहार की है कि इस पूरे मामले की जांच एक स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए. मामले की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित की जाए.
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अधिवक्ता का लाइसेंस रद्द करने पर फैसला होने तक प्रवेश पर लगे रोकः इसके साथ साथ पीड़िता को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए. महिला अधिवक्ताओं ने एक आम सभा बुला कर यह प्रस्ताव पारित किया कि जब तक बिहार स्टेट बार काउंसिल द्वारा आरोपित अधिवक्ता की लाइसेंस को रद्द करने पर कोई फैसला नहीं लिया जाता, तब तक आरोपित अधिवक्ता के हाईकोर्ट परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी जानी चाहिए. महिला अधिवक्ताएं इस बात से नाराज हैं कि अधिवक्ता निरंजन कुमार पर उनकी ही इंटर्न ने आपत्तिजनक हरकत और छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है.
आरोपी को किया गया है शोकाॅजः गौरतलब है कि आरोपित अधिवक्ता निरंजन कुमार पर लगे आरोप पर संज्ञान लेते हुए बिहार स्टेट बार काउंसिल ने सर्वसम्मति से उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी कर बताने के लिए कहा है कि, क्यों न उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए. बार कॉउन्सिल के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि उक्त मामले में तथ्य का पता लगाने के लिए दो पुरूष अधिवक्ता और एक महिला अधिवक्ता की एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इसमें बार कॉउंसिल के सदस्य नहीं रहेंगे.
आरोपी अधिवक्ता को निचली अदालत से मिल चुकी है जमानतः कमेटी दस दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी. अधिवक्ता निरंजन कुमार को आगामी 14 जनवरी को दोपहर 12 बजे बिहार स्टेट बार कॉउन्सिल के जनरल बॉडी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण देना है. इस मामले में आरोपित अधिवक्ता को निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है.