पटना: बिहार की पटना हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्ची से रेप के बाद प्राथमिकी दर्ज करने में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर राज्य सरकार से जबाब तलब किया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जबाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने अब तक की गई कार्रवाई का पूरा रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया.
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हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान : गौरतलब है कि यूनिसेफ के एक कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट को एक पत्र भेज मुजफ्फरपुर में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ रेप के बाद उसकी हत्या किये जाने के दस दिनों के बाद प्राधमिकी दर्ज करने के बारे में जानकारी भेजी. इसके अलावा मधुबनी जिला में मूक-बधिर 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ रेप किये जाने के बाद उसकी दोनों आंखें फोड़े जाने की घटना के बारे में भी हाई कोर्ट को जानकारी दी थी.
प्राथमिकी दर्ज होने में देरी पर जवाब तलब: इस जानकारी पर पटना हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई प्रारम्भ किया. कोर्ट का कहना था कि रेप की घटना के बाद तुरंत प्राथमिकी दर्ज किया जाना चाहिए. लेकिन पुलिस दस दिनों के बाद प्राथमिकी दर्ज की. कोर्ट का कहना था कि आखिर किस परिस्थिति में प्राथमिकी देर से दर्ज की गई. कोर्ट ने ये जानना चाहा कि देर से प्राथमिकी दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई. हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 4 मई 2023 की तिथि निर्धारित की है.