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शिक्षा की बदहाली पर HC सख्त, सरकार से पूछा- पढ़ेगा नहीं तो आगे कैसे बढ़ेगा बिहार - शिक्षा की बदहाली पर HC सख्त

गुरुवार को पटना हाई कोर्ट ने कई मामलों पर सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि राज्य में शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जा सकता है. इस पर रिपोर्ट दें.

पटना हाई कोर्ट
पटना हाई कोर्ट
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Published : Feb 20, 2020, 10:41 PM IST

पटना: पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को कई मामलों पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने राज्य में शिक्षा के हालात पर सख्त नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि शिक्षा की चिंता किसी को नहीं है.

वहीं, पूर्णिया के गेस्ट टीचरों को हटाये जाने के मामले पर जस्टिस एके उपाध्याय ने राज्य के मुख्य सचिव को जवाब तलब किया है. कोर्ट ने यह टिप्पणी कि राज्य में शिक्षा को तभी सुधारा जा सकता जब सरकारी अफसरों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढें.

कोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब

दरअसल, कौशल किशोर ठाकुर ने जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई की गई. कोर्ट ने मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में यह बताने को कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जा सकता है. मामले पर अगली सुनवाई 23 मार्च को की जाएगी.

दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज

वहीं, आरा में हुए बम ब्लास्ट कांड में शामिल 4 दोषियों की सजा पर रोक लगाने के लिए दायर पुनर्विचार याचिका को भी पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. दरअसल, कोर्ट ने इन दोषियों के लिए उम्रकैद का फरमान जारी किया है. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह, न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दोषी अखिलेश उपाध्याय, रिंकू यादव, मो चांद मियां और अंशु कुमार की याचिकाओं को खारिज कर दिया.

राज्य सरकार को रिपोर्ट देने का निर्देश

इसके अलावा पटना में खास महल भूमि की धड़ल्ले से हो रही बिक्री और उनपर अवैध अपार्टमेंट खड़े किए जाने के मामले में भी पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार से कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ब्रज मोहन शर्मा की जनहित याचिका को सुनते हुए यह आदेश दिया. हाई कोर्ट ने पटना जिला प्रशासन, पटना नगर निगम सहित राजस्व एवं निगरानी विभाग को 8 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी.

थानों को डिजीटल बनाने के मामले पर सुनवाई

अन्य मामले में पटना हाई कोर्ट ने बिहार राज्य के पुलिस थानों को डिजिटल बनाये जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता ओम प्रकाश की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट में पुलिस महानिरीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो स्वयं उपस्थित हुए. पिछले आदेश में कोर्ट ने बिहार के थानों को डिजिटल किए जाने के संबंध में रिपोर्ट तलब किया था. मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद की जाएगी.

पटना: पटना हाई कोर्ट ने गुरुवार को कई मामलों पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने राज्य में शिक्षा के हालात पर सख्त नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि शिक्षा की चिंता किसी को नहीं है.

वहीं, पूर्णिया के गेस्ट टीचरों को हटाये जाने के मामले पर जस्टिस एके उपाध्याय ने राज्य के मुख्य सचिव को जवाब तलब किया है. कोर्ट ने यह टिप्पणी कि राज्य में शिक्षा को तभी सुधारा जा सकता जब सरकारी अफसरों के बच्चे भी सरकारी स्कूलों में पढें.

कोर्ट ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब

दरअसल, कौशल किशोर ठाकुर ने जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर सुनवाई की गई. कोर्ट ने मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में यह बताने को कहा कि राज्य में शिक्षा के स्तर को कैसे सुधारा जा सकता है. मामले पर अगली सुनवाई 23 मार्च को की जाएगी.

दोषियों की पुनर्विचार याचिका खारिज

वहीं, आरा में हुए बम ब्लास्ट कांड में शामिल 4 दोषियों की सजा पर रोक लगाने के लिए दायर पुनर्विचार याचिका को भी पटना हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. दरअसल, कोर्ट ने इन दोषियों के लिए उम्रकैद का फरमान जारी किया है. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह, न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दोषी अखिलेश उपाध्याय, रिंकू यादव, मो चांद मियां और अंशु कुमार की याचिकाओं को खारिज कर दिया.

राज्य सरकार को रिपोर्ट देने का निर्देश

इसके अलावा पटना में खास महल भूमि की धड़ल्ले से हो रही बिक्री और उनपर अवैध अपार्टमेंट खड़े किए जाने के मामले में भी पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार से कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने ब्रज मोहन शर्मा की जनहित याचिका को सुनते हुए यह आदेश दिया. हाई कोर्ट ने पटना जिला प्रशासन, पटना नगर निगम सहित राजस्व एवं निगरानी विभाग को 8 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. मामले की सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी.

थानों को डिजीटल बनाने के मामले पर सुनवाई

अन्य मामले में पटना हाई कोर्ट ने बिहार राज्य के पुलिस थानों को डिजिटल बनाये जाने के मामले पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने अधिवक्ता ओम प्रकाश की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट में पुलिस महानिरीक्षक, स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो स्वयं उपस्थित हुए. पिछले आदेश में कोर्ट ने बिहार के थानों को डिजिटल किए जाने के संबंध में रिपोर्ट तलब किया था. मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद की जाएगी.

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