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Patna High Court: नाबालिग से रेप की सजा को चुनौती की याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- 'निचली अदालत के फैसला में कोई गलती नहीं'

पटना हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सजा को चुनौती की याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने निचली अदालत के सजा को बरकरार रखते हुए आपराधिक अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई कर कहा कि निचली अदालत के फैसला में ऐसी कोई गलती नहीं है, जिसमें हस्तक्षेप किया जाये. पढ़ें पूरी खबर...

पटना हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 11, 2023, 7:38 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने दस-ग्यारह वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ हुई रेप मामले में निचली अदालत की सजा को बरकरार रखते हुए आपराधिक अपील को खारिज कर दिया. जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने अमर गोसाई की ओर से दायर अपील पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई कर कहा कि निचली अदालत के फैसला में ऐसी कोई गलती नहीं है, जिसमें हस्तक्षेप किया जाये.

ये भी पढ़ें: Patna High Court: एचपी कम्पनी के एरिया मैनेजर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, जानें पूरा मामला

पटना हाईकोर्ट ने अपील को किया खारिज: दरअसल, आवेदक ने निचली अदालत के फैसला को हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी था. पटना हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई कर कहा कि निचली अदालत के फैसला में ऐसी कोई गलती नहीं है, जिसमें हस्तक्षेप किया जाये. कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया.


मधुबनी कोर्ट ने सुनाई थी 14 वर्ष की सजा: बता दें कि नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में मधुबनी जिला के खिरहर थाना की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था. मधुबनी के एडीजे प्रथम सह विशेष जज ने मामले की सुनवाई कर 20 जुलाई 2015 को हुई थी. मधुबनी के एडीजे प्रथम सह विशेष जज ने आरोपी को अभियुक्त करार देते हुए 23 जुलाई 3015 को 14 वर्ष की सजा सुनाई थी. उसके साथ कोर्ट ने आरोपी पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

2014 में नाबालिग से दुष्कर्म: गौरतलब है कि 19 फरवरी 2014 की शाम चार बजे के आसपास आवेदक ने नाबालिग बच्ची के साथ हैवानियत की हद पार कर दी थी. उसके बच्ची से रेप कर धमकी दिया था कि किसी को बताया तो टुकड़ा टुकड़ा काट देंगे, लेकिन नाबालिग ने अपनी बड़ी बहन को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद परिजनों ने गांव वाले को जानकारी दी और थाने में मामला दर्ज कराया गया.

पटना: पटना हाईकोर्ट ने दस-ग्यारह वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ हुई रेप मामले में निचली अदालत की सजा को बरकरार रखते हुए आपराधिक अपील को खारिज कर दिया. जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस आलोक कुमार पांडेय की खंडपीठ ने अमर गोसाई की ओर से दायर अपील पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई कर कहा कि निचली अदालत के फैसला में ऐसी कोई गलती नहीं है, जिसमें हस्तक्षेप किया जाये.

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पटना हाईकोर्ट ने अपील को किया खारिज: दरअसल, आवेदक ने निचली अदालत के फैसला को हाईकोर्ट में अपील दायर कर चुनौती दी था. पटना हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई कर कहा कि निचली अदालत के फैसला में ऐसी कोई गलती नहीं है, जिसमें हस्तक्षेप किया जाये. कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया.


मधुबनी कोर्ट ने सुनाई थी 14 वर्ष की सजा: बता दें कि नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में मधुबनी जिला के खिरहर थाना की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था. मधुबनी के एडीजे प्रथम सह विशेष जज ने मामले की सुनवाई कर 20 जुलाई 2015 को हुई थी. मधुबनी के एडीजे प्रथम सह विशेष जज ने आरोपी को अभियुक्त करार देते हुए 23 जुलाई 3015 को 14 वर्ष की सजा सुनाई थी. उसके साथ कोर्ट ने आरोपी पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया.

2014 में नाबालिग से दुष्कर्म: गौरतलब है कि 19 फरवरी 2014 की शाम चार बजे के आसपास आवेदक ने नाबालिग बच्ची के साथ हैवानियत की हद पार कर दी थी. उसके बच्ची से रेप कर धमकी दिया था कि किसी को बताया तो टुकड़ा टुकड़ा काट देंगे, लेकिन नाबालिग ने अपनी बड़ी बहन को घटना की जानकारी दी. जिसके बाद परिजनों ने गांव वाले को जानकारी दी और थाने में मामला दर्ज कराया गया.

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