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Patna High Court : पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से पटना हाई कोर्ट का इंकार, 34500 शिक्षकों को झटका

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के 34500 शिक्षकों को झटका देते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से इंकार कर दिया है. पटना हाईकोर्ट के जजों ने सुनवाई के दौरान शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी है.

Patna High Court
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 5, 2023, 8:36 PM IST

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने 34500 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से साफ इंकार कर दिया है. उच्च न्यायायलय ने याची शिक्षकों को कोई राहत नहीं दिया है. जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने नंद किशोर ओझा की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया, और याचिका खारिज कर दिया.


ये भी पढ़ें- Patna High Court ने बिहार DGP से किया अवमानना के वाद पर जवाब तलब, 3 साल पूर्व पारित आदेश का मामला

ये है मामला : 8 अक्टूबर 1991 को बीपीएससी ने 25 हजार सहायक शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. पीटी और मुख्य परीक्षा के बाद बीपीएससी ने 19272 सफल उम्मीदवारों को सहायक शिक्षक के पद पर बहाली के लिए उनके नामों की अनुशंसा की. इसमें से 17281 अप्रशिक्षित अभ्यर्थी थे. प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने बीपीएससी के इस कार्रवाई को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जब प्रशिक्षित उम्मीदवार उपलब्ध हैं, तो फिर अप्रशिक्षित को क्यों लिया गया.

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा केस : मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शिक्षकों के बहाली के लिए विशेष नियुक्ति नियमावली बना कर बहाली प्रक्रिया शुरू की गई. बिहार विशेष प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2010 के तहत बहाल 34500 शिक्षकों को पुराना पेंशन योजना का लाभ के लिए कोर्ट में केस दायर किया गया था.

पटना हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज : 5 अप्रैल 2018 को तत्कालीन चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने पुराना पेंशन योजना का लाभ देने से साफ इंकार कर दिया था. इस आदेश की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती गई. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने के बाद इस याचिका को ख़ारिज कर दिया.

पटना : बिहार की पटना हाई कोर्ट ने 34500 शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने से साफ इंकार कर दिया है. उच्च न्यायायलय ने याची शिक्षकों को कोई राहत नहीं दिया है. जस्टिस पीबी बजंथरी और जस्टिस अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने नंद किशोर ओझा की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया, और याचिका खारिज कर दिया.


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ये है मामला : 8 अक्टूबर 1991 को बीपीएससी ने 25 हजार सहायक शिक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. पीटी और मुख्य परीक्षा के बाद बीपीएससी ने 19272 सफल उम्मीदवारों को सहायक शिक्षक के पद पर बहाली के लिए उनके नामों की अनुशंसा की. इसमें से 17281 अप्रशिक्षित अभ्यर्थी थे. प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने बीपीएससी के इस कार्रवाई को हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जब प्रशिक्षित उम्मीदवार उपलब्ध हैं, तो फिर अप्रशिक्षित को क्यों लिया गया.

सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा केस : मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शिक्षकों के बहाली के लिए विशेष नियुक्ति नियमावली बना कर बहाली प्रक्रिया शुरू की गई. बिहार विशेष प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2010 के तहत बहाल 34500 शिक्षकों को पुराना पेंशन योजना का लाभ के लिए कोर्ट में केस दायर किया गया था.

पटना हाईकोर्ट ने की याचिका खारिज : 5 अप्रैल 2018 को तत्कालीन चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने पुराना पेंशन योजना का लाभ देने से साफ इंकार कर दिया था. इस आदेश की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती गई. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने के बाद इस याचिका को ख़ारिज कर दिया.

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