पटनाः पटना हाईकोर्ट ने राज्य के विद्यालयों व बच्चों के लिए मूलभूत साक्षरता व संख्यात्मक सामग्रियों की प्राप्ति और आपूर्ति के लिए बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल, पटना द्वारा निकाले गए टेंडर पर फिलहाल रोक (stay on tender of Bihar Education Project Council) लगा दी है. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की डिवीजन बेंच ने दी बिहार ऑफसेट प्रिंटर एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर सुनवाई की.
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कोर्ट ने टेंडर की बेसिक प्रक्रिया को रद्द करने हेतु दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक वर्क आर्डर पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अगले आदेश तक नीलाम की बोली लगाने वाले किसी भी बिडर के पक्ष में वर्क आर्डर जारी नहीं किया जाएगा. याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि निविदा की शर्तें इतनी सख्त है कि कोई भी बिहार राज्य का व्यक्ति इसमें भाग लेने योग्य नहीं पाया जा सकता है. बिहार एजुकेशन प्रोजेक्ट कॉउन्सिल की ओर से वरीय अधिवक्ता ललित किशोर उपस्थित हुए.
केंद्र सरकार का पक्ष अधिवक्ता तुहिन शंकर ने रखा. इस मामले में प्रोजेक्ट कॉउन्सिल द्वारा हलफनामा दाखिल कर दिया गया है. केंद्र सरकार व राज्य सरकार समेत अन्य प्रतिवादियों को याचिका में उठाये गए सभी मुद्दों पर जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिनों का समय कोर्ट ने दिया है.
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याचिकाकर्ता का कहना है कि निविदा की शर्तें बिहार फाइनेंसियल रूल्स और स्टोर पर्चेज पॉलिसी (Bihar Financial Rules and Store Purchase Policy) का उल्लंघन करते हुए निकाला गया है. टेंडर की अधिकतम लागत 125 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, जबकि इस मामले में 300 करोड़ रुपये के मूल्य पर तय किया गया है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का यह भी कहना था कि नीलामी की शर्तें इस तरह से रखी गई है कि राज्य के लोग इसमें भाग नहीं ले सके और उनके पसंद के लोग निविदा प्राप्त कर सके. वर्ष 2021-22 के लिए राज्य के 534 ब्लॉक में आपूर्ति किये जाने को लेकर ई-टेंडर नोटिस 23 दिसंबर, 2021 को निकाला गया था. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 फरवरी को की जाएगी.
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