पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने शिवहर के जिलाधिकारी (Patna HC Orders Sheohar DM) की बच्ची की कस्टडी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई (Hearing On Petition Filed For Custody Of Child) की है. पटना हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर 2021 को तीन वर्ष की बच्ची को पेश करने का आदेश शिवहर के डीएम को दिया है. जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की खंडपीठ ने शिवहर के जिलाधिकारी की पत्नी जी एसएस सितारा की हैबियस कार्पस आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई की है.
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कोर्ट ने डीएम की याचिकाकर्ता पत्नी और डीएम सज्जन राज शेखर को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है. याचिका में जिलाधिकारी पर याचिकाकर्ता पर मारपीट का आरोप भी लगाया गया है. याचिकाकर्ता की मां ने मारपीट की घटना को लेकर पुलिस में शिकायत भी की थी.
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कुछ आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद याचिकाकर्ता को मुजफ्फरपुर स्थित सर्किट हाउस में रखा गया. इसके बाद शिवहर के जिलाधिकारी सर्किट हाउस आकर अपनी मां के साथ रह रही दोनों नाबालिग बच्चों को ले गए. इनमें एक इनका डेढ़-दो वर्ष का बेटा भी शामिल है. याचिकाकर्ता को यह कहकर बच्ची को जिलाधिकारी ले गए थे कि बच्ची को कुछ दिनों के बाद वापस लौटा देंगे लेकिन अभी तक वापस नहीं किए.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सरोज कुमार शर्मा का कहना था कि हिन्दू गार्जियनशिप एक्ट की धारा- 6 के अनुसार 5 वर्ष तक के बच्चे को कस्टडी का अधिकार मां को होता है. इसी एक्ट की धारा-13 के अनुसार बच्चे का हित ही सर्वश्रेष्ठ सोच होगा. बच्ची को अभी देखभाल और स्नेह की आवश्यकता है. मां का प्यार सबसे ऊपर माना जाता है. एक लेखिका अगाथा क्रिस्टी को उद्धरित करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि एक मां अपने बच्चे के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं का डटकर सामना करती है और बाधाओं को दूर कर देती है. वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर 2021 को की जाएगी.
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