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Patna High Court: भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद IAS अधिकारी एसएम राजू को मिली जमानत, कोर्ट ने दिया रिहाई का आदेश - IAS अधिकारी एसएम राजू

महादलित विकास मिशन योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी एसएम राजू को पटना हाईकोर्ट ने जमान दे दिया है. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए रिहाई का आदेश दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना हाईकोर्ट
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Published : May 25, 2023, 8:53 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने महादलित विकास मिशन योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति घोटाले के मामलें में जेल में बंद आईएएस अधिकारी एसएम राजू को नियमित जमानत देते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा ने राजू की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए ये निर्णय सुनाया.

ये भी पढ़ें- Patna High Court: अन्नी अभिषेक रेड्डी ने हाइकोर्ट के जज के रूप में ली शपथ, पहली बार राजभवन में हुआ समारोह

जेल में बंद IAS अधिकारी की जमानत याचिका मंजूर: यह मामला राज्य सरकार की महादलित विकास मिशन के योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति व महादलित के छात्र व छात्राओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के घोटाले से संबंधित है. इस मामले पर निगरानी ब्यूरो के डीएसपी ने 23 अक्टूबर, 2017 को एक मामला दर्ज किया था, जो निगरानी थाना कांड संख्या एकाशी 2017 के रूप में आईपीसी की सुसंगत धाराओं एवं भ्रष्टाचार निरोध कानून की धारा 13 के अंतर्गत दर्ज हुआ था.

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है अधिकारी: आईएएस अधिकारी एसएम राजू को इसीलिए आरोपी बनाया गया, क्योंकि वह महादलित विकास मिशन के सचिव के रूप में पदस्थापित थे. याचिकाकर्ता के तरफ से वरीय अधिवक्ता पुष्कर नारायण शाही ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में राजू बिल्कुल बेकसूर हैं. उनके खिलाफ प्राथमिकी में कोई सीधा आरोप दर्ज नहीं है और न ही कोई ऐसा आरोप लगाया गया है. जिससे यह साबित हो कि इस कांड के मुख्य अभियुक्त कंपनी के साथ उनका कोई लेन-देन हुआ था.

छात्रवृत्ति घोटाले का आरोप: वरीय अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया था कि इस कांड के एक अन्य रिटायर्ड आईएएस कड़ा परशुराम रमैया को 2019 में ही निचली अदालत से जमानत मिल गई थी. उनसे कहीं बेहतर केस राजू का है, जो पिछले साढ़े 4 महीने से जेल में बंद है. वहीं निगरानी ब्यूरो की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अरविंद कुमार ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि केस डायरी की कई जगहों पर स्पष्ट सबूत व साक्ष्य मिलते हैं, जिससे राजू का इस कांड में संलिप्तता उजागर होता है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 5 मई, 2023 को फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे आज सुनाया गया.

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने महादलित विकास मिशन योजना अंतर्गत छात्रवृत्ति घोटाले के मामलें में जेल में बंद आईएएस अधिकारी एसएम राजू को नियमित जमानत देते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति राजेश कुमार वर्मा ने राजू की जमानत याचिका को मंजूर करते हुए ये निर्णय सुनाया.

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जेल में बंद IAS अधिकारी की जमानत याचिका मंजूर: यह मामला राज्य सरकार की महादलित विकास मिशन के योजना अंतर्गत अनुसूचित जनजाति व महादलित के छात्र व छात्राओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के घोटाले से संबंधित है. इस मामले पर निगरानी ब्यूरो के डीएसपी ने 23 अक्टूबर, 2017 को एक मामला दर्ज किया था, जो निगरानी थाना कांड संख्या एकाशी 2017 के रूप में आईपीसी की सुसंगत धाराओं एवं भ्रष्टाचार निरोध कानून की धारा 13 के अंतर्गत दर्ज हुआ था.

भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद है अधिकारी: आईएएस अधिकारी एसएम राजू को इसीलिए आरोपी बनाया गया, क्योंकि वह महादलित विकास मिशन के सचिव के रूप में पदस्थापित थे. याचिकाकर्ता के तरफ से वरीय अधिवक्ता पुष्कर नारायण शाही ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में राजू बिल्कुल बेकसूर हैं. उनके खिलाफ प्राथमिकी में कोई सीधा आरोप दर्ज नहीं है और न ही कोई ऐसा आरोप लगाया गया है. जिससे यह साबित हो कि इस कांड के मुख्य अभियुक्त कंपनी के साथ उनका कोई लेन-देन हुआ था.

छात्रवृत्ति घोटाले का आरोप: वरीय अधिवक्ता ने कोर्ट को यह भी बताया था कि इस कांड के एक अन्य रिटायर्ड आईएएस कड़ा परशुराम रमैया को 2019 में ही निचली अदालत से जमानत मिल गई थी. उनसे कहीं बेहतर केस राजू का है, जो पिछले साढ़े 4 महीने से जेल में बंद है. वहीं निगरानी ब्यूरो की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अरविंद कुमार ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि केस डायरी की कई जगहों पर स्पष्ट सबूत व साक्ष्य मिलते हैं, जिससे राजू का इस कांड में संलिप्तता उजागर होता है. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 5 मई, 2023 को फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे आज सुनाया गया.

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