पटना: सहारा इंडिया (Sahara India) के चेयरमैन सुब्रत राय के खिलाफ पटना हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप कुमार की बेंच में सुनवाई हुई. इस दौरान सुब्रत रॉय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट (Patna High Court Order To Arrest Sahara Chief) जारी किया है. पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने ग्राहकों के पैसा वापस करने के मामले को लेकर सुब्रत राय को आज पटना हाईकोर्ट में हाजिर होने को कहा था. सुबह 10:30 बजे तक अंतिम समय सीमा तय की गई थी. बावजूद इसके वे पटना हाईकोर्ट में हाजिर नहीं हुए और अंततः सुब्रत राय को गिरफ्तार करने का वारंट जारी किया गया.
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बड़ी संख्या में पहुंचे थे निवेशक: वहीं, हाईकोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में ग्राहक भी पहुंचे थे. उनका साफ साफ कहना है कि सहारा में हमारा पैसा फंसा हुआ है. बार-बार आश्वासन के बाद भी सहारा हमारा पैसा वापस नहीं कर रहा है. पटना के दुल्हिन बाजार के अशोक कुमार यादव ने कहा कि 75000 रूपये फंसे हुए हैं, वापस नहीं मिल रहा है. वहीं दानापुर से आए राजेश कुमार का साफ-साफ कहना है कि एक लाख से ज्यादा रुपया मेरा सहारा में फंसा है लेकिन अभी तक इसे वापस नहीं किया जा रहा है. यही कारण है कि आज हम लोग पटना हाईकोर्ट पहुंचे थे.
"हमारा सहारा में पैसा फंसा हुआ है. कागज लेकर जाते हैं तो कहा जाता है कि जब पैसा आएगा तो वापस मिलेगा. 75 हजार और डेढ़ लाख हमारा फंसा हुआ है."- अशोक कुमार यादव, निवेशक
"मेरा पांच लाख फंसा हुआ है. मूल राशि है. इस पर कितना ब्याज बनेगा, पता नहीं. कहा जाता है इंतजार करो."- राहुल कुमार, निवेशक
सुब्रत राय के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट: पटना हाईकोर्ट ने बिहार, दिल्ली और उत्तरप्रदेश के डीजीपी को सुब्रत राय को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता हरे राम शाह ने कहा कि इस मामले में आज सुनवाई हुई है. कोर्ट ने साफ साफ निर्देश दिया था कि साढ़े दस बजे कोर्ट में उपस्थित रहे लेकिन सुब्रत राय नहीं पहुंचे. सुनवाई के बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. डीजीपी को आदेश दिया गया है कि सहाराश्री को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर हाजिर किया जाए.
"उनके तीन तीन वकीलों को निर्देश था कि साढ़े दस बजे उन्हें उपस्थित कीजिए. झूठ-मूठ का बाइपास सर्जरी का कभी कोकिला बेन हॉस्पिटल का तो कभी लखनऊ अस्पताल का ला लाकर जाली सर्टिफिकेट लगाते हैं. उस सर्टिफिकेट से यह साबित नहीं हो रहा था कि वह आने में अक्षम हैं. आज कोर्ट के ऑर्डर को इग्नोर किया गया. कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का प्रोसिडिंग चलाया गया."- हरे राम शाह, अधिवक्ता
आज कोर्ट में पेश नहीं हुए सुब्रत रॉय: सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत राय ने पटना हाईकोर्ट के 27 अप्रैल 2022 के उनके कोर्ट में उपस्थित होने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चैलेंज किया गया था. कोर्ट ने आज स्पष्ट किया कि 13 मई को उन्हें साढ़े दस बजे सुबह कोर्ट में उपस्थित होना था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सहारा कंपनी को यह बताने का निर्देश दिया था कि बिहार की गरीब जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा, जो सहारा कंपनी के विभिन्न स्कीमों में निवेशकों द्वारा जमा किया गया है, उसे उन्हें किस तरह से जल्द से जल्द लौटाया जाएगा. सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने रखा था.
'लगातार कोर्ट को बरगलाने की कोशिश सहाराश्री ने की है. देश में सहारा में पैसे जिन-जिन ग्राहकों का फंसा हुआ है, उसका एक एसोसिएशन जन आंदोलन संघर्ष मोर्चा चलाया जाता है. हम उसके वकील हैं और लगातार इस मामले को हाईकोर्ट में देख रहे हैं.' -अनिल सिंह, सहारा इन्वेस्टर ग्रुप वकील.
पहले 11 मई को होना था पेश: इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था यदि 27 अप्रैल तक सहारा कंपनी द्वारा स्पष्ट रूप से कोर्ट को इस बात की जानकारी नही दीं जाती है, तो हाईकोर्ट इस मामले में उचित आदेश पारित करेगा, ताकि निवेशकों का पैसा उन्हें लौटाया जा सके. मालूम हो कि 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट ने सहारा इंडिया (Sahara India) के विभिन्न स्कीमों में उपभोक्ताओं द्वारा जमा किये पैसे के भुगतान को लेकर सहारा ग्रुप ऑफ कंपनीज के संस्थापक सुब्रत रॉय को 11 मई को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिया था. इससे पहले 27 अप्रैल को पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सहारा का पक्ष रखने वाले वरीय अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह ने कोर्ट के यह बताया था कि कंपनी के ग्राहकों का पैसा वापस करने के लिए कई विकल्प तैयार किए हैं. लेकिन कोर्ट ने दलील को नामंजूर कर दिया था और सुब्रत राय को कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया था.
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