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HC का आदेश- 30 दिनों में शराबबंदी में पकड़ी गईं गाड़ियों पर हो कार्रवाई

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस कानून के तहत जब्त वाहनों के मामलें में वाहन मालिक 15 दिनों के अन्दर सम्बंधित डीएम को आवेदन दे सकते हैं. इसके बाद डीएम को 30 दिनों में मामलें की सुनवाई कर निपटारा करने की समय सीमा दी गयी.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Dec 16, 2019, 8:41 PM IST

पटना: राज्य में शराबबन्दी कानून के तहत जब्त होने वाले वाहनों के मामले के निपटारे के लिए पटना हाई कोर्ट ने समय सीमा निर्धारित की है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इन मामलों से सम्बंधित दो सौ से भी अधिक मामले पर सुनवाई कर निपटारा किया.

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस कानून के तहत जब्त वाहनों के मामलें में वाहन मालिक 15 दिनों के अन्दर सम्बंधित डीएम को आवेदन दे सकते हैं. इसके बाद डीएम को 30 दिनों में मामले की सुनवाई कर निपटारा करने की समय सीमा दी गयी. यदि वाहन जब्ती नहीं हो सकती, तो सम्बंधित डीएम वाहन को उक्त अवधि में रिलीज कर देना होगा. अगर इसके बाद भी वाहन को मुक्त नहीं किया जाता,तो वाहन मालिकों को मुआवजे के लिए दावा करने का अधिकार होगा.

यह भी पढ़ें- शराबबंदी के 2 लाख 36 हजार मामलों का नहीं हुआ निपटारा

गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट समेत राज्य की अन्य अदालतों दो लाख से भी अधिक शराबबन्दी के मामले सुनवाई के लिए लम्बित हैं. समय सीमा तय करने से इन मामलों का त्वरित निष्पादन सम्भव हो सकेगा. हालांकि, सरकार की ओर से शराबबंदी से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए 74 स्पेशल कोर्ट बनाने का निर्णय लिया गया है.

पटना: राज्य में शराबबन्दी कानून के तहत जब्त होने वाले वाहनों के मामले के निपटारे के लिए पटना हाई कोर्ट ने समय सीमा निर्धारित की है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इन मामलों से सम्बंधित दो सौ से भी अधिक मामले पर सुनवाई कर निपटारा किया.

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस कानून के तहत जब्त वाहनों के मामलें में वाहन मालिक 15 दिनों के अन्दर सम्बंधित डीएम को आवेदन दे सकते हैं. इसके बाद डीएम को 30 दिनों में मामले की सुनवाई कर निपटारा करने की समय सीमा दी गयी. यदि वाहन जब्ती नहीं हो सकती, तो सम्बंधित डीएम वाहन को उक्त अवधि में रिलीज कर देना होगा. अगर इसके बाद भी वाहन को मुक्त नहीं किया जाता,तो वाहन मालिकों को मुआवजे के लिए दावा करने का अधिकार होगा.

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गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट समेत राज्य की अन्य अदालतों दो लाख से भी अधिक शराबबन्दी के मामले सुनवाई के लिए लम्बित हैं. समय सीमा तय करने से इन मामलों का त्वरित निष्पादन सम्भव हो सकेगा. हालांकि, सरकार की ओर से शराबबंदी से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए 74 स्पेशल कोर्ट बनाने का निर्णय लिया गया है.

राज्य में शराबबन्दी कानून के तहत जब्त होने वाले वाहनों के मामलें के निपटारे के लिए पटना हाई कोर्ट ने समय सीमा निर्धारित किया है ।चीफ़ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने इन मामलों से सम्बंधित दो सौ से भी अधिक मामलें पर सुनवाई  कर निपटारा किया ।कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस कानून के तहत जब्त वाहनों के मामलें में वाहन मालिक 15 दिनों के अन्दर सम्बंधित डीएम को आवेदन दे सकते हैं।इसके बाद डीएम को 30 दिनों में मामलें की सुनवाई कर निबटारा करने की समय सीमा दी गयी ।यदि वाहन जब्ती नहीं हो सकती,तो सम्बंधित डीएम को वाहन को उक्त अवधि में रिलीज कर देना होगा।अगर इसके बाद भी वाहन को मुक्त नहीं किया जाता,तो वाहन मालिकों को मुआवजा के लिए दावा करने का अधिकार होगा।गौरतलब है कि पटना हाई कोर्ट समेत राज्य की अन्य अदालतों दो लाख से भी अधिक शराबबन्दी के मामलें सुनवाई के लिए लम्बित हैं।समय सीमा तय करने से इन मामलों का त्वरित निष्पादन सम्भव हो सकेगा।
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