पटना : पटना हाई कोर्ट ने समस्तीपुर में कथित रूप से जाली राशन कार्ड जारी करने के मामले में सुनवाई (Fake Ration Card Distribution in Samastipur) की. एसीजे जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ ने मोहम्मद इशाक की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया कि समस्तीपुर जिला में बड़े पैमाने पर जाली राशन कार्ड का धंधा चल रहा है. जो लोग वहां के निवासी भी नहीं है, उनके नाम भी राशन कार्ड में शामिल हैं.
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''जो लोग मर चुके हैं, उनके नाम भी राशन कार्ड में लगे हुए हैं. गरीबों को सब्सिडी पर दिए जाने वाले अनाज और किरासन तेल टारगेटेड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (कंट्रोल) आर्डर, 2015 के विपरीत गलत लोगों को दिया जा रहा है. यह मामला न सिर्फ जाली राशन कार्ड का है, बल्कि पीडीएस को चलाने वाले भी आम जनता को लूट रहे हैं. उन्हें घटिया अनाज दे रहे हैं. वह भी पूरा वजन नहीं दे रहे है और लाभ कमा रहे हैं.''- कृष्ण कुमार, अधिवक्ता
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि इसकी शिकायत पिछले साल समस्तीपुर के जिलाधिकारी से की गई थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं देखने को मिला. इस मामले पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी. वहीं दूसरी ओर बता दें कि पटना हाई कोर्ट में कामकाज अब शुक्रवार को भी फिजिकल मोड में ही किया जाएगा. इस बात की जानकारी कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह के आदेशानुसार पटना हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने नोटिस जारी कर दी है.
पटना हाई कोर्ट में शुक्रवार को फिजिकल मोड में काम : एक अन्य नोटिस में कहा गया है कि नियमित और अग्रिम जमानत अर्जियों के शीघ्र निष्पादन के लिए महीने के दूसरे शनिवार को छोड़कर वर्चुअल रूप से सुनवाई के लिए केस को अधिसूचित करने का प्रस्ताव है. इस नोटिस में कहा गया है कि वैसे अधिवक्ता जो जमानत अर्जियों की शनिवार के दिन वर्चुअल रूप सुनवाई के लिए इच्छुक हो, उनसे आग्रह किया गया है कि वे जॉइंट रजिस्ट्रार (लिस्ट) के चैम्बर के बाहर रखे ड्राप बॉक्स में मेंशन स्लिप गुरुवार तक अपराह्न चार बजे तक डाल दें.