पटना: अंगरक्षक की हत्या मामले में बनियापुर से राजद विधायक केदार नाथ सिंह समेत भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह के खिलाफ चल रहे ट्रायल में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने स्पेशल पीपी की बहाली करने के बारे में राज्य सरकार को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने अन्नू देवी व अन्य की ओर से दायर मामलें पर सुनवाई की गई.
राजद विधायक केदार नाथ सिंह मामले में सुनवाई: कोर्ट ने निचली अदालत में चार साल से लंबित क्रिमिनल रिविजन पर चार सप्ताह के भीतर सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया. वहीं विधायक केदार नाथ सिंह, भाई दीना नाथ सिंह और भतीजा सुधीर सिंह को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. साथ ही मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 4 जनवरी तय की गई है.
केस के गवाहों की गवाही ठीक से नहीं: आवेदिका की ओर से अधिवक्ता अमित नारायण ने कोर्ट को बताया कि इस केस के एपीपी अभियुक्तों के पक्ष में काम कर रहे हैं. इससे मृतक के परिजनों को न्याय मिलने की संभावना नहीं के बराबर है. उनका कहना था कि इस केस के गवाहों की गवाही ठीक से नहीं कराई जा रही है,जिसका पूरा लाभ अभियुक्तों को मिलना तय है.
निचली अदालत ने ट्रायल का पूरा रिकॉर्ड मंगाया: उनका कहना था कि विधायक उनके भाई व भतीजा फरार घोषित हुये थे,जिसके खिलाफ छपरा जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन 83/2019 दायर किया गया. निचली अदालत ने ट्रायल का पूरा रिकॉर्ड अपने यहां मंगवा लिया. तब से ट्रायल लंबित है. उन्होंने घटना के बारे में बताया कि विधायक अपने सरकारी अंगरक्षक और निजी अंगरक्षकों के साथ उपस्थित थे.
क्या है पूरा मामला: विधायक अंगरक्षकों के साथ सूचक के आदमी के साथ मारपीट करने लगे. जिसे देख दौड़े और मीटिंग हॉल से सभी को बाहर करने की मांग करने लगे और बैठक का बहिष्कार करने का उच्च अधिकारी से गुहार लगाने लगे. सभी हॉल से बाहर आ गये. विधायक दलबल के साथ चले गये. वापस आ कर दीना नाथ सिंह ने रायफल से गोली चला दी.
अंगरक्षक मुन्ना सिंह बचाने के लिए आगे आ गये. गोली उसके बाह में लगी, तभी केदार नाथ सिंह और सुधीर सिंह को भी गोली मार दी. दीना नाथ सिंह कमर से रिवाल्वर निकाल सूचक को खोजने लगे. इसी बीच पुलिस फोर्स आ गई और सभी भाग गये.
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