पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले से सूबे के तमाम डीएम सहित केंद्र सरकार की एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को निर्देश दिया है कि बिहार में जितने भी हवाई पट्टियां, पुराने हवाई अड्डे और सिविल एनक्लेव हैं. उन सबों के जमीन को अतिक्रमण मुक्त करते हुए यह सुनिश्चित करें कि वे भविष्य में भी इस्तेमाल आने हेतु सुरक्षित और संरक्षित रहे.
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हवाई पट्टियों के जमीन को अतिक्रमण मुख्त कराने का निर्देश: मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने निखिल सिंह सहित अन्य 30 जनहित याचिकाकर्ताओं की अर्जियों को निष्पादित करते हुए यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस फैसले में यह भी स्पष्ट किया की सूबे में हवाई अड्डों का निर्माण या विकास हो या नहीं, यह एक नीतिगत मामला है. जिसमें केंद्र और राज्य सरकार को निर्णय लेना है न कि हाईकोर्ट को.
जबरन घर खाली कराने के मामले में सुनवाई: एक दूसरे मामले में पटना हाइकोर्ट ने जबरन घर खाली कराने के मामले पर पटना एसएसपी सहित बुद्धा कॉलोनी के थानेदार को कड़ी फटकार लगायी है. कोर्ट ने कहा कि आखिर किस कानून के तहत पुलिस घर खाली कराया. यही नहीं, उस घर में रह रही 25 लड़कियों को बाहर कर दिया गया.
डीएम को कार्रवाई का निर्देश: जस्टिस मोहित शाह ने पटना डीएम और सदर एसडीएम को इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही किरायेदार को घर पर कब्जा दिलाने के मामले पर कार्रवाई करने का आदेश दिया. कोर्ट ने रेणु कुमारी सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए ये बात कही.
जबरन कराया गया घर खाली: आवेदिका के वकील शिव प्रताप ने कोर्ट को बताया कि गत सोमवार को सुबह-सुबह मकान मालिक पुलिस और स्थानीय असामाजिक तत्वों ने मिलकर जबरन किराये के घर से बेदखल कर दिया. उनका कहना था कि इस घर में लड़कियों का छात्रावास था. कोर्ट ने पटना के एसएसपी सहित बुद्धा कॉलोनी के थानेदार को इस मामले में तलब किया.
एसएसपी और थानेदार हुए कोर्ट में हाजिर: कोर्ट आदेश के बाद पटना के एसएसपी और बुद्धा कॉलोनी के थानेदार कोर्ट में हाजिर हो कर बताया कि आवेदिका के शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. उनका कहना था कि जांच में जबरन बेदखल करने की बात सामने आई है.