पटना : पटना हाईकोर्ट ने चार सप्ताह की मोहलत देने के बाद भी कोर्ट के सवालों का स्पष्ट जवाब दायर नहीं करने के मामले में पटना नगर निगम पर दस हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. जस्टिस हरीश कुमार ने वरुण कुमार सहित पांच अन्य लोगों की ओर से दायर रिट याचिका की सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया.
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पटना नगर निगम पर हर्जाना : ये मामला पटना सिटी के मेहंदीगंज थाना अंतर्गत खाजेंकला याचिकाकर्ताओं की पुश्तैनी जमीन पर अनधिकृत रूप से सड़क बनाने का है. याचिकाकर्ताओं की ओर से राज्य सरकार को भुगतान हुए सालाना लगान की पावती पत्र को दर्शाते हुए यह दावा किया गया कि निगम के अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं के पुश्तैनी जमीन को बिना भू अर्जन प्रक्रिया को अपनाए हुए उस पर जबरन सड़क बना दिया.
HC ने पीएमसी से पूछे सवाल : 24 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने नगर निगम से चार बिंदुओं पर प्रश्नों का जवाब मांगा था. कोर्ट ने जानना चाहा था कि क्या ये भूमि याचिकाकर्ताओं की है? क्या उस भूमि पर सड़क बनाने की अनुमति नगर निगम ने याचिकाकर्ताओं से लिया था? यदि नहीं, तो क्या निगम ने कोई मुआवजा दिया है या नहीं?
4 सितंबर 2023 को होगी सुनवाई : अंतिम मुद्दा था कि क्या सड़क बनाने के खर्च को निगम दोषी अफसरों से वसूल कर सरकार को वापस करेगी? निगम की ओर से कोर्ट के किसी भी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया. हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए निगम पर दस हजार रुपये हर्जाना लगाया. इस मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर 2023 को होगी.