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PMCH में बंद पड़ी डायलिसिस मशीनों पर हुई HC में सुनवाई, पीएमसीएच अधीक्षक से जवाब तलब

PMCH में पड़े डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने पीएमसीएच अधीक्षक से जवाब तलब किया है. साथ ही सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं काम कर रहा है तो न्यायिक आदेश से बंद कर इन मशीनों को दूसरे अस्पताल में भेज देगा.

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Published : Nov 15, 2022, 8:47 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच में पड़े डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (Patna High Court hearing regarding closed dialysis) करते हुए पीएमसीएच अधीक्षक से जवाब तलब किया है. विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की है. पटना हाईकोर्ट ने पीएमसीएच के अधीक्षक को ये बताने को कहा कि इस समस्या का समाधान किस प्रकार होगा.

यह भी पढ़ेंः बिहार स्टेट बार काउंसिल ने अधिवक्ता संघों को 15 जनवरी तक चुनाव संपन्न कराने का दिया निर्देश

दरअसल याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच में 31 डायलिसिस मशीन खरीदे गए थे, लेकिन डॉक्टर और टेक्निशयन के नहीं होने के कारण इन मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि एक मशीन की कीमत लगभग बारह लाख रुपया है. इन मशीनों के चालू नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ है, वहीं मरीजों और उनके घरवालो पर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज कराने पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है.

नही हो रहा है मरीजों का सही ढंग से ईलाज: अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई, लेकिन वे बाद में दूसरे जगह भेजे गए. नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का सही ढंग से ईलाज नही हो रहा है.

नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं कर रहा काम: कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं काम कर रहा है, तो न्यायिक आदेश से कोर्ट बंद कर इन मशीनों को दूसरे अस्पताल में भेज देगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 नवंबर, 2022 को की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः PMCH में गबन: निजी कंपनी 1.16 करोड़ रुपये और मरीजों का डाटा लेकर भागी

पटना: बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच में पड़े डायलिसिस मशीनों के चालू नहीं होने के मामलें में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई (Patna High Court hearing regarding closed dialysis) करते हुए पीएमसीएच अधीक्षक से जवाब तलब किया है. विकास चन्द्र ऊर्फ गुड्डू बाबा की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की है. पटना हाईकोर्ट ने पीएमसीएच के अधीक्षक को ये बताने को कहा कि इस समस्या का समाधान किस प्रकार होगा.

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दरअसल याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच में 31 डायलिसिस मशीन खरीदे गए थे, लेकिन डॉक्टर और टेक्निशयन के नहीं होने के कारण इन मशीनों का उपयोग नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि एक मशीन की कीमत लगभग बारह लाख रुपया है. इन मशीनों के चालू नहीं होने के कारण बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन का दुरुपयोग हुआ है, वहीं मरीजों और उनके घरवालो पर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज कराने पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है.

नही हो रहा है मरीजों का सही ढंग से ईलाज: अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि पीएमसीएच के नेफ्रोलॉजी विभाग में 25 डॉक्टरों की नियुक्ति हुई, लेकिन वे बाद में दूसरे जगह भेजे गए. नेफ्रोलॉजी विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की कमी के कारण मरीजों का सही ढंग से ईलाज नही हो रहा है.

नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं कर रहा काम: कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर नेफ्रोलॉजी विभाग नहीं काम कर रहा है, तो न्यायिक आदेश से कोर्ट बंद कर इन मशीनों को दूसरे अस्पताल में भेज देगा. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 नवंबर, 2022 को की जाएगी.

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