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Patna High Court : बैरिया डंपिंग यार्ड की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन, बड़े अधिकारी तलब

बैरिया कचरा डंपिंग यार्ड मसले पर पटना उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई. कोर्ट ने कमिटी का गठन किया है. साथ ही निगम के अदिकारियों के साथ प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव को भी बुलाया है. पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court Etv Bharat
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 13, 2023, 9:28 PM IST

पटना : पटना हाईकोर्ट ने संपतचक बैरिया डंपिंग यार्ड की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने राकेश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने अधिवक्ता अंशुमान को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए नगर निगम के अपर आयुक्त और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव के साथ क्षेत्र का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. साथ ही 17 अक्टूबर 2023 तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया.

ये भी पढ़ें - Patna Municipal Corporation:बैरिया प्रोसेसिंग प्लांट को पुनर्जीवित करने का निर्णय, नगर आयुक्त अनिमेष पाराशर ने दी जानकारी

HC ने अधिकारियों को किया तलब : कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निगम के आयुक्त, अपर आयुक्त और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया. बिहार राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि ठोस अवशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन नहीं होने के कारण मीथेन गैस ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन हो रहा है. इस कारण आग लगने की सम्भावना बनी रहती है.

'पर्यावरण को नजरअंदाज कर कचरा रखा जा रहा' : प्रदूषण नियंत्रण ने निगम को सुझाव दिया कि जल्द से जल्द कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फेसिलिटी की गाड़ियों के परिचालन को सुचारू रूप से चलाया जाए. ताकि जीव चिकित्सा अपशिष्ट का समय पर उठाव तथा निस्तारण किया जा सके. वही आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि शहर से एकत्रित किये गये कचरे को संपतचक बैरिया डंपिंग यार्ड में रखा जा रहा है. संपतचक बैरिया के डंपिंग यार्ड में पर्यावरण को नजरअंदाज कर कचरा रखा जा रहा है, जो हर दृष्टिकोण से हानिकारक है.

'कभी भी हो सकता है हादसा' : उनका कहना था कि पटना नगर निगम संपतचक बैरिया के डंपिंग यार्ड में कचरा गिरने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक पूर्वानुमति भी नहीं ली गई और ना ही कचरा के निष्पादन संबंधी अन्य विधियों का पालन किया जा रहा है. इस कारण वहां रहने वाले नागरिकों का जीवन एवं स्वास्थ्य दोनों खतरे में है. इससे कभी भी आकस्मिक एवं दुखद घटना की संभावना बनी हुई है. मामले पर अगली सुनवाई 17 अकटूबर 2023 को होगी.

पटना : पटना हाईकोर्ट ने संपतचक बैरिया डंपिंग यार्ड की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने राकेश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने अधिवक्ता अंशुमान को अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करते हुए नगर निगम के अपर आयुक्त और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव के साथ क्षेत्र का निरीक्षण करने का आदेश दिया है. साथ ही 17 अक्टूबर 2023 तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया.

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HC ने अधिकारियों को किया तलब : कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निगम के आयुक्त, अपर आयुक्त और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सदस्य सचिव को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया. बिहार राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि ठोस अवशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन नहीं होने के कारण मीथेन गैस ग्रीन हाउस गैस का उत्सर्जन हो रहा है. इस कारण आग लगने की सम्भावना बनी रहती है.

'पर्यावरण को नजरअंदाज कर कचरा रखा जा रहा' : प्रदूषण नियंत्रण ने निगम को सुझाव दिया कि जल्द से जल्द कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट फेसिलिटी की गाड़ियों के परिचालन को सुचारू रूप से चलाया जाए. ताकि जीव चिकित्सा अपशिष्ट का समय पर उठाव तथा निस्तारण किया जा सके. वही आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि शहर से एकत्रित किये गये कचरे को संपतचक बैरिया डंपिंग यार्ड में रखा जा रहा है. संपतचक बैरिया के डंपिंग यार्ड में पर्यावरण को नजरअंदाज कर कचरा रखा जा रहा है, जो हर दृष्टिकोण से हानिकारक है.

'कभी भी हो सकता है हादसा' : उनका कहना था कि पटना नगर निगम संपतचक बैरिया के डंपिंग यार्ड में कचरा गिरने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से आवश्यक पूर्वानुमति भी नहीं ली गई और ना ही कचरा के निष्पादन संबंधी अन्य विधियों का पालन किया जा रहा है. इस कारण वहां रहने वाले नागरिकों का जीवन एवं स्वास्थ्य दोनों खतरे में है. इससे कभी भी आकस्मिक एवं दुखद घटना की संभावना बनी हुई है. मामले पर अगली सुनवाई 17 अकटूबर 2023 को होगी.

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