पटना: उच्च न्यायालय पटना में पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है. कोर्ट ने निविदा की प्रक्रिया होने के दौरान पटना नगर निगम को भी अपने ओर से बूचड़खाने की विकास और आधुनिकीकरण के लिए कार्रवाई करने को कहा है.
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HC में खुले में मांस-मछली बेचने की याचिका पर सुनवाई: पिछली सुनवाई में कोर्ट ने इस बारे में पटना नगर निगम को विस्तृत जानकारी देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था. पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया कि आधुनिक बूचड़खाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिह्नित कर लिया है.
अधिवक्ता ने दिया ये तर्क: पटना नगर निगम की ओर से बताया गया कि दो संस्थायों ने निविदा के लिए सहमति दी है. ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है. पिछली सुनवाई में अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया था कि पटना समेत राज्य विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं.
अवैध बुचड़खानों को बंद कराने की मांग: उन्होंने कहा कि इससे जहां आम आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से छोटे बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. याचिकाकर्ता अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया था कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचड़खानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए.
जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक: उन्होंने कोर्ट को बताया था कि पटना के राजा बाजार, पाटलिपुत्रा , राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड , कुर्जी, दीघा , गोला रोड , कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है. अधिवक्ता मिश्रा ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि अस्वस्थ और बगैर उचित प्रमाणपत्र के ही जानवरों को मार कर इनका मांस बेचा जाता है ,जो कि जनता के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
5 सितम्बर, 2023 अगली सुनवाई: उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए, ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 5 सितम्बर, 2023 को की जाएगी.