पटना: औरंगाबाद जिले के नाउरगढ़ में खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों व अन्य पुरातत्विक महत्त्व की सामग्रियों के रख रखाव व सरंक्षण पर पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई. सोमवार को अवधेश पाण्डेय की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई की. जनहित याचिका पर सुनवाई करते कोर्ट ने राज्य सरकार को पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी. इस प्रकार के महत्त्व की मूर्तियां और ऐतिहासिक महत्त्व धरोहरों की उपेक्षा की जा रही है.
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राज्य सरकार को पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया: याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि औरंगाबाद जिले के नाउरागढ़ में भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई के दौरान बड़ी तादाद में मूर्तियां व अन्य ऐतिहासिक महत्त्व की सामग्रियां प्राप्त हुई थी. पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि उनका उचित ढंग से रख रखाव और संरक्षण नहीं किया जा रहा है. पटना हाई कोर्टन ने महत्त्व की मूर्तियां और ऐतिहासिक महत्त्व धरोहरों की उपेक्षा की जा रही है.
अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी: अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस तरह की पुरातत्विक महत्त्व और ऐतिहासिक मूर्तियों और अन्य सामग्रियों को निकाला गया. वहां पर एक स्टेडियम बनाया जाने लगा. इस पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी. उन्होंने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई के दौरान बड़ी तादाद में मूर्तियों का ठीक ठंग से रख रखाव और संरक्षण नहीं किया जा रहा है.