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Patna High Court: बिहार में जातीय जनगणना पर हुई सुनवाई, कल फिर दोनों पक्ष सुनेगा पटना हाईकोर्ट - Caste Census In Bihar

बिहार में जातीय जनगणना को लेकर पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. इस मुद्दे पर कल फिर सुनवाई होनी है. कोर्ट ने दोनों पक्षों का आज सुना. याचिकाकर्ता ने जातीय जनगणना को राज्य के क्षेत्राधिकार से बाहर बताकर हाईकोर्ट से रोक लगाने की गुहार लगाई है. पढ़ें पूरी खबर-

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Published : May 2, 2023, 5:16 PM IST

पटना: नीतीश सरकार द्वारा बिहार में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में कल यानी 3 मई 2023 को भी सुनवाई जारी रहेगी. बता दें कि अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से बाहर है.

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पटना हाईकोर्ट में जातीय गणना पर सुनवाई : उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होने बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है. प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है. दूसरी तरफ राज्य सरकार राज्य सरकार का कहना कि ''जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वेक्षण किया कराया जा रहा है.''

3 मई को फिर होगी सुनवाई: पटना हाईकोर्ट में इस मामले पर 3 मई 2023 को भी सुनवाई जारी रहेगी. याचिकाकर्ताओं की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज, अभिनव श्रीवास्तव ने और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. गौतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने का डायरेक्शन दे चुका है.

पटना: नीतीश सरकार द्वारा बिहार में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में कल यानी 3 मई 2023 को भी सुनवाई जारी रहेगी. बता दें कि अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार से बाहर है.

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पटना हाईकोर्ट में जातीय गणना पर सुनवाई : उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होने बताया कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है. प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है. दूसरी तरफ राज्य सरकार राज्य सरकार का कहना कि ''जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वेक्षण किया कराया जा रहा है.''

3 मई को फिर होगी सुनवाई: पटना हाईकोर्ट में इस मामले पर 3 मई 2023 को भी सुनवाई जारी रहेगी. याचिकाकर्ताओं की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज, अभिनव श्रीवास्तव ने और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. गौतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस मामले की सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने का डायरेक्शन दे चुका है.

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