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Patna High Court: बिहार में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर 18 अप्रैल को होगी सुनवाई

बिहार में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. सुनवाई की तारीख 18 अप्रैल मुकर्रर की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया है कि सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है. इसके शक्ति केंद्र सरकार के क्षेत्राधिकार में याती है. पढ़ें पूरी खबर

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पटना हाईकोर्ट
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Published : Apr 8, 2023, 3:43 PM IST

पटना: राज्य सरकार द्वारा बिहार में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 18 अप्रैल 2023 को सुनवाई की जाएगी. अखिलेश कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जातियों के आधार पर व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है.

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: जातीय जनगणना में जातियों के कोड को लेकर बयानबाजी, नेताओं दी अपनी प्रतिक्रिया

'ये केंद्र सरकार के अधीन है शक्ति': अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है. राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की. उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. कोर्ट ने इस अमान्य करते हुए कहा कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पाँच सौ करोड़ रुपए से सम्बंधित मामला है.

18 अप्रैल को होगी सुनवाई: पटना हाई कोर्ट ने इस मामले पर 18अप्रैल 2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना का सर्वेक्षण जारी है.

पटना: राज्य सरकार द्वारा बिहार में जातियों एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाइकोर्ट में 18 अप्रैल 2023 को सुनवाई की जाएगी. अखिलेश कुमार की याचिका पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है. उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जातियों के आधार पर व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है.

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'ये केंद्र सरकार के अधीन है शक्ति': अधिवक्ता दीनू कुमार ने बताया कि ये राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है. ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है. उन्होंने बताया कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है. राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की. उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. कोर्ट ने इस अमान्य करते हुए कहा कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पाँच सौ करोड़ रुपए से सम्बंधित मामला है.

18 अप्रैल को होगी सुनवाई: पटना हाई कोर्ट ने इस मामले पर 18अप्रैल 2023 को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है. याचिकाकर्ता की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया. बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना का सर्वेक्षण जारी है.

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