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ADJ अविनाश कुमार से मारपीट मामले की पटना हाईकोर्ट में सुनवाई, कोर्ट ने CID से मांगा विस्तृत ब्यौरा

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Published : Dec 8, 2021, 2:50 PM IST

मधुबनी में एडीजे अविनाश कुमार से मारपीट मामले (ADJ Avinash Kumar Assault Case) में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सीआईडी को अगली सुनवाई में जांच कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा पेश करने का कोर्ट ने आदेश दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

ADJ Avinash Kumar Assault Case
ADJ Avinash Kumar Assault Case

पटना: झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार प्रथम पर किये गए कथित आक्रमण और मारपीट की घटना के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court Hearing On Madhubani Judge Case) ने सुनवाई की. जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए सीआईडी को अगली सुनवाई में जांच कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा पेश करने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें- बिहार में जज के चैंबर में घुसकर थानेदार और एएसआई ने किया जानलेवा हमला

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मधुबनी जज केस की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा था और सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि, मधुबनी के एसपी को क्यों नहीं स्थानांतरित किया गया.

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, क्या पुलिस अधिकारी मनमानी कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने सीआईडी को जांच का जिम्मा सौंपा और कहा कि, इस मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे. साथ ही इस मामले की निगरानी सीआईडी के एडीजी खुद करेंगे.

यह भी पढ़ें- ADJ अविनाश कुमार से मारपीट का मामला, इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स बिहार के चेयरमैन पहुंचे झंझारपुर

कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. साथ ही कोर्ट मास्टर को इस मामले से सम्बन्धित कागजात समेत कोर्ट मे राज्य सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट उन्हें देने का आदेश दिया था.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि, आखिर पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ एक जज के चैम्बर में कैसे प्रवेश किया ? इस मामलें पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि, राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है. एडवोकेट जनरल ने कहा कि, यदि चाहे तो कोर्ट सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है.

उल्लेखनीय है कि, मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर 2021 को भेजे गए पत्र पर हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया. साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था.

ये भी पढ़ें: मधुबनी जज-पुलिस मारपीट कांड: आरोपी थानाध्यक्ष और ASI डीएमसीएच में भर्ती, पुलिस एसोसिएशन ने की निष्पक्ष जांच की मांग

मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर 2021 को सुनवाई की. ज़िला जज मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एसएचओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली गलौज किया था. उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार और हाथापाई भी की थी. इतना ही नहीं दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट भी किया था. पुलिस अधिकारियों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर आक्रमण करना चाहा. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को की जाएगी.

ये भी पढ़ें: मधुबनी जज-पुलिस मारपीट कांड: पुलिस एसोसिएशन ने ADJ अविनाश कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा

आपको बताएं कि झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार के चेंबर में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एएसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा ने घुसकर उन पर पिस्तौल तान दिया था और मारपीट (Attack On Judge In Madhubani) की थी. कोर्ट के कर्मचारियों और वकीलों ने उनकी जान बचाई. आरोप है कि उस दिन लगभग सवा दो बजे थानेदार गोपाल और एएसआई अभिमन्यु एडीजे के कक्ष में घुस गए. वहां आते ही जज साहब को कहने लगे, 'तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि तुम हमलोगों को बुलाते हो. तुमको हम एडीजे नहीं मानते. अभिमन्यु एडीजे के साथ मारपीट करने लगा और गोपाल भद्दी-भद्दी गालियां देने लगा'. इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

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पटना: झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार प्रथम पर किये गए कथित आक्रमण और मारपीट की घटना के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court Hearing On Madhubani Judge Case) ने सुनवाई की. जस्टिस राजन गुप्ता की डिवीजन बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए सीआईडी को अगली सुनवाई में जांच कार्रवाई का विस्तृत ब्यौरा पेश करने का आदेश दिया है.

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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मधुबनी जज केस की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा था और सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी. कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि, मधुबनी के एसपी को क्यों नहीं स्थानांतरित किया गया.

कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, क्या पुलिस अधिकारी मनमानी कार्रवाई करेंगे. कोर्ट ने सीआईडी को जांच का जिम्मा सौंपा और कहा कि, इस मामले की जांच एसपी स्तर के अधिकारी करेंगे. साथ ही इस मामले की निगरानी सीआईडी के एडीजी खुद करेंगे.

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कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है. साथ ही कोर्ट मास्टर को इस मामले से सम्बन्धित कागजात समेत कोर्ट मे राज्य सरकार द्वारा पेश रिपोर्ट उन्हें देने का आदेश दिया था.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि, आखिर पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ एक जज के चैम्बर में कैसे प्रवेश किया ? इस मामलें पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने पिछली सुनवाई में स्पष्ट किया था कि, राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है. एडवोकेट जनरल ने कहा कि, यदि चाहे तो कोर्ट सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है.

उल्लेखनीय है कि, मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर 2021 को भेजे गए पत्र पर हाई कोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया. साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था.

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मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर 2021 को सुनवाई की. ज़िला जज मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एसएचओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली गलौज किया था. उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार और हाथापाई भी की थी. इतना ही नहीं दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट भी किया था. पुलिस अधिकारियों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर आक्रमण करना चाहा. इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जनवरी 2022 को की जाएगी.

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आपको बताएं कि झंझारपुर एडीजे अविनाश कुमार के चेंबर में घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एएसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा ने घुसकर उन पर पिस्तौल तान दिया था और मारपीट (Attack On Judge In Madhubani) की थी. कोर्ट के कर्मचारियों और वकीलों ने उनकी जान बचाई. आरोप है कि उस दिन लगभग सवा दो बजे थानेदार गोपाल और एएसआई अभिमन्यु एडीजे के कक्ष में घुस गए. वहां आते ही जज साहब को कहने लगे, 'तुम्हारी हैसियत कैसे हो गई कि तुम हमलोगों को बुलाते हो. तुमको हम एडीजे नहीं मानते. अभिमन्यु एडीजे के साथ मारपीट करने लगा और गोपाल भद्दी-भद्दी गालियां देने लगा'. इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

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