पटना: जमुई के डीएम की पत्नी वत्सला सिंह की दहेज उत्पीड़न के मामले में पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव, बिहार सरकार के मुख्य सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों से जवाब-तलब किया है. जमुई के डीएम धर्मेंद्र कुमार की पत्नी वत्सला सिंह की याचिका पर यह आदेश जस्टिस मोहित कुमार शाह ने दिया. डीएम की पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का आरोप लगाया है कि उसके पति ने बोरिंग रोड में एक मकान दहेज में मांगा था.
अपनी दर्ज याचिका पर वत्सला सिंह ने मकान के साथ-साथ जमीन की डिमांड का भी आरोप लगाया है. याचिका में वत्सला सिंह ने डिमांड पूरी नहीं होने पर घर से निकाले जाने की बात कही है. वहीं, उनका आरोप है कि केस में घिरे होने के बाद भी डीएम को जमुई में बना रहने दिया गया है. यद्यपि वो इसकी शिकायत मुख्य सचिव से कर चुकी हैं. इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 सप्ताह बाद की जाएगी.
क्या है पूरा मामला...
- पिछले साल 10 दिसंबर में वत्सला ने अपने पति आरोप लगाया था कि वो यूपी की एक महिला अफसर से घंटों बात करते हैं.
- वत्सला ने ये भी जानकारी दी थी कि इस बाबत डीएम जमुई की उनके पास कॉल डिटेल हैं.
- वत्सला के मुताबिक, दूसरी महिला से नजदीकी के कारण ही पति उन्हें दरकिनार करते हैं.
- वत्सला के मुताबिक महिला अधिकारी का भी अपने पति से विवाद चल रहा है.
दहेज उत्पीड़न का आरोप
दिसंबर में पति के खिलाफ आरोप लगाते हुए वत्सला ने जानकारी दी थी कि शादी के समय पिता ने बोरिंग रोड का एक फ्लैट उनको (वत्सला) गिफ्ट किया था, लेकिन पति चाहते थे कि फ्लैट उनके नाम कर दिया जाए.
सभी आरोपों को डीएम ने बताया था बेबुनियाद
उस समय अपनी पत्नी के लगाए गए आरोपों पर जमुई के डीएम धर्मेंद्र ने सफाई देते हुए सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था. उन्होंने कहा था उनके चरित्र हनन के लिए इस प्रकार का बयान दिया जा रहा है. यह नितांत पारिवारिक और व्यक्तिगत मामला है. पूरा प्रकरण पूर्व से कोर्ट में विचाराधीन है, जहां उन्होंने सभी साक्ष्य प्रस्तुत कर दिए हैं. वत्सला को भी अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखना चाहिए. ऐसी स्थिति में उनका कुछ कहना अनुचित होगा. कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वो स्वीकार्य होगा.