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पटना हाईकोर्ट ने शराब बरामदगी मामले में गया के पूर्व SP को दी राहत, सुनवाई के दौरान मिली अग्रिम जमानत

शराब बरामदगी से जुड़े एक मामले में Patna High Court ने गया के पूर्व एसपी को अग्रिम जमानत दे दी है. इस मामले में अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शराबबंदी के मामले में नौकराश डरे हुए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

पटना हाईकोर्ट
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Published : Aug 16, 2022, 10:34 PM IST

Updated : Aug 16, 2022, 10:39 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार (Former Gaya SP Aditya Kumar) को शराब बरामदगी से संबंधित मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने आदित्य कुमार द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत दे दी. याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता एनके अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू करने की जिम्मेवारी जिले के डीएम और एसपी को दी गई है, लेकिन डीएम और एसपी हर जगह हर समय मौजूद नहीं रहते हैं.


ये भी पढ़ें-पटना हाईकोर्ट में राजीवनगर नेपालीनगर क्षेत्र में अतिक्रमण मामले की सुनवाई अधूरी, 23 अगस्त को अगली सुनवाई

हाईकोर्ट ने गया के पूर्व एसपी को दी अग्रिम जमानत: यचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में थाना ने शराब बरामदगी के बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी. जब इस बात की जानकारी पूर्व एसपी को मिली, तो उन्होंने थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि शराबबंदी मामले में राज्य के नौकरशाह डरे हुए हैं.

वकील ने कोर्ट को दी जानकारी: वकील ने तर्क दिया कि कोई भी थाना कब और कहां शराब जब्त करता है, इसकी जानकारी जिला के एसपी को तब तक नहीं होती है, जब तक कि सम्बंधित थाना द्वारा सूचित नहीं किया जाता है. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि अगर कोई जिले के एसएसपी, एसपी, डीएम और कमिश्नर के घर में बोतल फेंक देगा, तो उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज हो सकती है.

ये भी पढ़ें-राजीवनगर में अतिक्रमण हटाने पर HC में सुनवाई, सरकार ने कहा- कुछ लोग नए निर्माण करने लगे

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार (Former Gaya SP Aditya Kumar) को शराब बरामदगी से संबंधित मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने आदित्य कुमार द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें राहत दे दी. याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता एनके अग्रवाल ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू करने की जिम्मेवारी जिले के डीएम और एसपी को दी गई है, लेकिन डीएम और एसपी हर जगह हर समय मौजूद नहीं रहते हैं.


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हाईकोर्ट ने गया के पूर्व एसपी को दी अग्रिम जमानत: यचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में थाना ने शराब बरामदगी के बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी. जब इस बात की जानकारी पूर्व एसपी को मिली, तो उन्होंने थाना को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि शराबबंदी मामले में राज्य के नौकरशाह डरे हुए हैं.

वकील ने कोर्ट को दी जानकारी: वकील ने तर्क दिया कि कोई भी थाना कब और कहां शराब जब्त करता है, इसकी जानकारी जिला के एसपी को तब तक नहीं होती है, जब तक कि सम्बंधित थाना द्वारा सूचित नहीं किया जाता है. उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि अगर कोई जिले के एसएसपी, एसपी, डीएम और कमिश्नर के घर में बोतल फेंक देगा, तो उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज हो सकती है.

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Last Updated : Aug 16, 2022, 10:39 PM IST
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